उत्तर प्रदेश: मोहर्रम मनाने के दौरान हुए हादसों में 5 लोगों की मौत, 68 झुलसे
लखनऊ। इस साल मोहर्रम 21 सितंबर को मनाया गया। इसमें सिया मुसलमानों ने देश भर से ताजिए निकाले और मातम मानाया। कहा जाता है कि मोहर्रम का दसवां दिन सबसे ख़ास होता है। मोहर्रम के महीने में दसवें दिन ही इस्लाम की रक्षा के लिए हज़रत इमाम हुसैन ने अपने प्राणों का त्याग दिया था। इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए इस बार भी मुसलमानों ने गमी मनाई। लेकिन इस गमी में प्रदेश के 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं अलग-अलग शहरों में ताजिया में आग लगने से 68 लोग झुलस गए। इसमें सबसे अधिक 3 लोगों की मौत बलिया में हुई है।
मोहर्रम पर जहां प्रदेश में 5 मौतें हुईं वहीं धारदार हथियार से मातम मनाने के दौरान कई कई लोग विकलांग भी हो गए। कुछ के हाथ कट गए तो कई को गंभीर चोटें आईं। लेकिन ज्यादातर मौतों की वजह हाईटेंशन लाइन में ऊंचे-ऊंचें ताजियों के छूने से हुई। बलिया, मुरादाबाद व अमरोहा में ऊंचे ताजिये झूलते तारों से छू गए। इससे चिन्गारी निकली और ताजियों में करंट उतर आया। चिन्गारी से ताजियों में आग भी लग गई।
बलिया के सिकंदरपुर में ताजिया दफन कर शुक्रवार देर रात करीब दो बजे ट्रैक्टर से वापस घर जाते समय ताजिया में लगी लोहे की छतरी में करंट आने से जिन्दापुर निवासी समी खां (22), सलीम खां (18) व उमरान (18) की मौत हो गई। वहीं चार बुरी तरह झुलस गए, जिनका इलाज जिला चिकित्सालय में चल रहा है। घटना के बाद पूरे गांव में मातम छाया हुआ है।
करंट और आग से मुरादाबाद में 35 और अमरोहा में 16 लोग झुलस गए। अमरोहा के डिडौली कोतवाली क्षेत्र के कनकपुरा गांव के कर्बला जाते समय 25 फीट ऊंचा ताजिया बिजली के तार से छू गया और उसमें करंट उतर आया। इससे असगरी गांव के 16 लोग झुलस गए।
फैजाबाद के कुमारगंज गांव के आठ लोग और अमेठी के जगदीशपुर में मोहर्रम की जियारत करने कुड़वा घाट से नाव लेकर जगदीशपुर थाने क्षेत्र के गौहर का पुरवा जा रहे थे। आधी रात के बाद गोमती नदी का बहाव तेज होने से नाव पलट गई। फैजाबाद से पीएसी के पहुंचने के बाद दोनों जिलों की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। पांच घंटे बाद टीम ने मोहम्मद हसीब (13) पुत्र मोहम्मद शफीक निवासी पूरे झारियक कुमारगंज का शव बरामद किया। बाकी लोग बचा लिए गए।
बाराबंकी जिले के थाना फतेहपुर के ग्र्राम पकरिया पुरवा में कंधे पर रखकर दफन करने के लिए ले जाया जा रहा ताजिया बिजली के तार में उलझ गया। इससे उसमें आग लग गई। इस दौरान जलता हुआ ताजिया लतीफ (45) पर गिर गया। इसमें वह बुरी तरह झुलस गया। वहीं ताजिया के जुलूस में छूरी से मातम मना रहे मो. अबरार (25) का दायां हाथ कट गया।
गोंडा के परसपुर थाना क्षेत्र के आंटा कस्बे में मुहर्रम जुलूस के दौरान दीवार गिरने से आठ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई जबकि उसका जख्मी हो गया।
इलाहाबाद के लालगोपालगंज में हाईटेंशन विद्युत तार से ताजिया टकरा गया। करंट की चपेट में आने से ताजिया पकड़े छह सोगवार झुलस गए। वहीं, हंडिया के पहाड़पुर गांव में भी ताजिया जुलूस करंट की चपेट में आ गया, जिसमें तीन अकीदतमंद झुलस गए।
मुहर्रम के जुलूस में पूरे यूपी कई जगहों पर विवाद, आग और करंट की घटनाएं हुईं। यही नहीं यूपी के करीब आधा दर्जन जिलों में पथराव से लेकर मारपीट और माहौल खराब करने की कोशिश भी हुई। लेकिन पुलिस और प्रशासन की सक्रियता ने उन लोगों के मनसूबों पर पानी फेर दिया जो इसे मुद्दा बना कर अपने पुराने विवादों की खीस निकलना चाहते है। कुछ ऐसा ही मामला चन्दौली जिले के मुहर्रम के जुलूस के दौरान देखने को मिला। जहां उपद्रवियों ने आधा दर्जन दुकानों में तोड़फोड़ की। यही नही इस जुलूस के आगे होने का भरपूर फायदा उठाते हुए इन उपद्रवियों ने पुरानी रंजिश का बदला लिया और दुकानों को। निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की।