राज्यपाल तक पहुंचा इलाहाबाद का नाम बदलने का मामला, सुझाया गया ये नया नाम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नाम बदलने की सियासत में अब नाम जुड़ा है इलाहाबाद शहर का। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ने इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग की है। प्रदेश के भगवाकरण के बाद योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्र लिखकर इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने की मांग की है। स्वास्थ्य मंत्री ने इलाहाबाद का नाम बदलने के पीछे तर्क दिया है कि इलाहाबाद से हिंदुओं का खास जुड़ाव रहा है। साथ ही इलाहाबाद का पौराणिक नाम प्रयागराज है। इसलिए इसका नाम बदलकर प्रयागराज करने पर विचार करने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार इससे पहले भी यूपी के कई स्थानों और स्टेशनों के नाम बदलने की मांग होती रही है। इससे पहले यूपी के हरदोई जिले से भाजपा विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू मे अपने गांव का नाम बदलने की मांग की थी। विधायक का कहना था कि उनका गांव बाबरपुर का नाम बदलकर ब्रह्मपुर किया जाए। यह प्रस्ताव उन्होंने शासन को भेजा था। जब प्रस्ताव पर गांव में खुली बैठक हुई तो लोगों ने गांव का नाम बदलने पर नाराज़गी ज़ाहिर की थी। जबकि बादशाह के नाम पर इस गांव का नामकरण किया था।
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हैरानी वाली बात यह है कि गांव में एक भी मुसलमान नहीं है फिर भी गांव के लोग चाहते हैं कि उनके गांव का नाम न बदला जाए। यह गांव भरखरनी ब्लॉक के अंतर्गत आता है। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि बाबर के सेनापति ने अपने बादशाह के नाम पर इस गांव का नामकरण किया था। सवायजपुर के क्षेत्रीय विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू ने बाबरपुर गांव का नाम ब्रह्मपुर किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा।
मुगलसराय का भी नाम बदला गया
इससे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम भी बदलने की मांग की गई थी। यूपी के मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन किए जाने की मांग की गई थी। केन्द्र सरकार ने मुगल सरायस्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया था। प्रस्ताव पास हो जाने के बाद मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन कर दिया गया था।
महाकुंभ ये है हिंदुओं की खास आस्था
इलाहाबाद में अर्धकुंभ हर छह साल में होता है जबकि हर बारह साल में इलाहाबाद के प्रयाग में महाकुंभ मेले का आयोजन होता है। इसमें देश के ही नहीं विदेश के लोग भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा हर माह माघ के मेले का खास आयोजन होता है जिसमें हिंदुओं का विशेष जुड़ाव रहा है।
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