यूपी: 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की स्क्रूटिनी प्रक्रिया पूरी, 53 अभ्यर्थियों की जाएगी नौकरी, 51 को मिलेगी जॉइनिंग
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में स्क्रूटनी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। स्क्रुटनी में 53 अभ्यर्थी फेल हो गए हैं यानि इनका नंबर मेरिट लिस्ट के अनुसार चयनित होने लायक नहीं था, उसके बावजूद इन्हें पास कर दिया गया है। इसके अलावा स्क्रूटनी में 51 अभ्यर्थियों को राहत भी मिली है। यह रिजल्ट में फेल कर दिए गए थे लेकिन, अब स्क्रूटनी में इनका नंबर निर्धारित कट ऑफ से अधिक होने के कारण ये नौकरी पा सकेंगे। इन्हें जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। इस बाबत मुख्य सचिव प्रभात कुमार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि स्क्रूटनी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और 51 ऐसे अभ्यर्थी मेरिट में आ रहे हैं जिन्हें फेल बताया गया था। लेकिन, यह निर्धारित कट ऑफ से अधिक अंक पाने में सफल हुए हैं, यह स्क्रूटनी की प्रक्रिया में स्पष्ट हो गया है । इन सभी को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा और इनकी जॉइनिंग भी होगी। उन्होंने बताया कि स्क्रूटनी के दौरान 53 ऐसे अभ्यर्थियों की कॉपियां भी सामने आई हैं जिनके नंबर निर्धारित कट ऑफ से नीचे हैं लेकिन इन्हें सफल बताया गया था।
पुनर्मूल्यांकन
करा
सकेंगे
अभ्यर्थी
बेसिक
शिक्षा
विभाग
के
अपर
मुख्य
सचिव
प्रभात
कुमार
ने
68500
सहायक
अध्यापक
भर्ती
मामले
में
अभ्यर्थियों
के
हित
में
बड़ा
फैसला
लिया
है।
उन्होंने
बताया
कि
जितने
भी
अभ्यर्थी
शिक्षक
भर्ती
की
लिखित
परीक्षा
में
शामिल
हुए
थे
वह
अपनी
उत्तर
पुस्तिका
का
पुनर्मूल्यांकन
करा
सकते
हैं।
पुनर्मूल्यांकन
नि:शुल्क
होगा
और
अगर
पुनर्मूल्यांकन
में
उनका
नंबर
निर्धारित
कट
ऑफ
के
सापेक्ष
आया
तो
उन्हें
सहायक
अध्यापक
पद
पर
नौकरी
दी
जाएगी।
डॉ
प्रभात
कुमार
के
अनुसार
पुनर्मूल्यांकन
के
लिए
अभ्यर्थी
11
से
20
अक्टूबर
के
बीच
आवेदन
कर
सकते
हैं।
उसके
बाद
आवेदन
स्वीकार
नहीं
किए
जाएंगे।
आने
वाले
सभी
आवेदन
के
आधार
पर
अभ्यर्थियों
की
कॉपियों
का
पुनर्मूल्यांकन
किया
जाएगा।
जिसमें
निर्धारित
कट
ऑफ
के
अंदर
आने
वाले
अभ्यर्थियों
को
नौकरी
दी
जाएगी
।
क्या
है
मामला
गौरतलब
है
कि
68500
सहायक
अध्यापक
भर्ती
में
107873
अभ्यर्थियों
ने
परीक्षा
दी
थी।
लेकिन
रिजल्ट
जारी
होने
के
बाद
उत्तर
पुस्तिकाओं
में
हेराफेरी
व
अंको
में
गड़बड़ी
करने
का
मामला
सामने
आया।
जिसके
बाद
योगी
सरकार
ने
भर्ती
प्रक्रिया
की
जांच
के
लिए
3
सदस्यीय
कमेटी
बनाई
थी।
जिसकी
रिपोर्ट
के
आधार
पर
स्क्रुटनी
की
प्रक्रिया
पूरी
की
गई
है
और
अब
कमेटी
की
सिफारिश
पर
ही
पुनर्मूल्यांकन
की
प्रक्रिया
शुरू
की
जा
रही
है।
इन
पर
हुई
कार्रवाई
68500
सहायक
अध्यापक
भर्ती
में
गड़बड़ी
को
लेकर
परीक्षा
नियामक
प्राधिकारी
कार्यालय
इलाहाबाद
के
तत्कालीन
रजिस्ट्रार
जीवेंद्र
सिंह
और
डिप्टी
रजिस्ट्रार
प्रेम
चंद
कुशवाहा
को
भी
निलंबित
कर
दिया
गया
है।
इसके
अलावा
लापरवाही
बरतने
पर
राज्य
शैक्षिक
अनुसंधान
एवं
प्रशिक्षण
परिषद
लखनऊ
के
साथ
कर्मियों
पर
भी
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
के
निर्देश
दिए
गए
हैं।
जबकि
शुरुआत
मे
ही
तत्कालीन
परीक्षा
नियामक
प्राधिकारी
सचिव
सुत्ता
सिंह
को
भी
निलंबित
किया
जा
चुका
है।
इस
मामले
में
उत्तर
पुस्तिका
के
मूल्यांकन
में
लापरवाही
करने
पर
मूल्यांकन
करने
वाली
लखनऊ
की
फर्म
को
भी
ब्लैक
लिस्ट
कर
दिया
गया
है।
बता
दें
कि
68500
सहायक
अध्यापक
भर्ती
उत्तर
पुस्तिकाओं
का
मूल्यांकन
मैनेजमेंट
कंट्रोल
सिस्टम
प्राइवेट
लिमिटेड
ने
किया
था।
उत्तर
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
कंपनी
को
ब्लैक
लिस्ट
करते
हुए
और
सरकार
के
किसी
भी
विभाग
से
काम
ना
देने
का
निर्देश
दिया
है।