UP Assembly Polls 2022: AAP ने यूपी में चला दिल्ली वाला फार्मूला, इंजीनियर-डॉक्टरों को बनाया उम्मीदवार
लखनऊ, 17 जनवरी। यूपी चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने एड़ी -चोटी का दम लगाना शुरू कर दिया है। जोड़-तोड़ की राजनीति के बीच आम आदमी पार्टी एकला चलो की राह पर आगे बढ़ रही है और यहां भी वो दिल्ली वाला फार्मूला अपना रही है। आप पार्टी ने राज्य की सभी 403 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान किया है और उसने रविवार को अपनी पहली लिस्ट में 150 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर दी है, जिसमें नेताओं से ज्यादा पढ़े-लिखे लोगों को वरीयता दी गई है।
AAP का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान
राज्य सभा सदस्य और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने 150 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करते हुए Tweet किया कि '8 PHD, 8 MBA, 7 इंजीनियर, 4 डाक्टर, 38 पोस्ट ग्रैजुएट, 39 ग्रेजुएट, 8 बी.एड, 6 डिप्लोमा के साथ यू पी विधान सभा चुनाव के लिए @ArvindKejriwal जी ने 150 उम्मीदवारों की सूची को मंज़ूरी दी है, सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं।'
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'राजनीति की गंदगी पर झाड़ू लगाने के लिए तैयार AAP'
उन्होंने कहा कि 'आप पार्टी अब यूपी में बदलाव लाने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि अब आप पार्टी राज्य में राजनीति की गंदगी पर झाड़ू लगाने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि आप पार्टी ने अपने प्रभारियों को ही उम्मीदवार बनाया है उसने इससे पहले राज्य में 215 प्रभारियों को तैनात किया था, जिनपर अपनी पार्टी के मतों को लोगों को समझाने की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें जिन लोगों ने अच्छा काम किया है, उन्हें पार्टी ने टिकट दे दिया है।'
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क्या दिल्ली वाला फार्मूला यूपी में काम आएगा?
मालूम हो कि इसी तरह से पार्टी ने दिल्ली चुनाव में भी काम किया था,जिसमें उसमें आशातीत सफलता हासिल हुई थी लेकिन क्या ये फार्मूला यूपी में काम आएगा, जहां पर हमेशा से धर्म-जाति की राजनीति का बोलबाला रहा है, इसका पता तो 10 मार्च को चलेगा, जब चुनावी नतीजे आएंगे। आपको बता दें कि यूपी में सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं। राज्य में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, तीन मार्च और सात मार्च को मतदान होगा।
संजय सिंह ने की थी अखिलेश यादव से मुलाकात
मालूम हो कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने जब पिछले दिनों अखिलेश यादव से मुलाकात की थी तो कयास लग रहे थे भाजपा को हराने के लिए आप और सपा दोनों एक हो सकते हैं। लेकिन फिर खबर आई कि सीट शेयरिंग को लेकर आप और सपा एक मत नहीं हो पाए, आप ने सपा से ज्यादा सीटें मांगी थी , जिसके लिए समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव तैयार नहीं हुुए और इसके बाद ही आप ने यूपी की सभी सीटों पर अकेले लड़ने का फैसला कर दिया।
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सपा ने भी किया है 'फ्री बिजली' का ऐलान
यूपी में सत्ता वापसी का ख्वाब देख रही सपा ने आप से पहले ही राज्य में फ्री बिजली वाला दांव खेल दिया है। उसने दिल्ली के सीएम केजरीवाल के दौरे से पहले ही राज्य में औपचारिक तौर पर 300 यूनिट फ्री बिजली का ऐलान कर दिया था। मालूम हो कि केजरीवाल ने मुफ्त बिजली के जरिए ही दिल्ली में सत्ता का बल्ब जलाया था, इस बार उनसे पहले ये दांव सपा ने यूपी में चल दिया है। देखते हैं अब अखिलेश यादव को इस दांव का फायदा केजरीवाल की तरह मिलता है कि नहीं? देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता उनकी इस बात पर उसी तरह से भरोसा कर पाएगी, जिस तरह से दिल्ली की जनता ने केजरीवाल पर किया है?