यूपी विधानसभा चुनाव 2017: इस गांव को फिर डरा रहा मुजफ्फरनगर दंगों का 'भूत'
2013 के पहले ये गांव बेहद शांत था। यहां 18 हजार जाट परिवारों के साथ मुस्लिम परिवार मिल-जुलकर पिछले कई सालों से रह रहे थे। आज ऐसा नहीं है, यहां रने वाले परिवारों के मन में दंगों को भूत नजर आ रहा है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। सभी सियासी दल अपनी रणनीति को जमीन पर उतारने में जुटे हुए हैं। इस बीच मुजफ्फरनगर दंगों का भूत एक बार फिर यहां के एक गांव को डरा रहा है। फुगाना में पिछले काफी समय से मुजफ्फरनगर दंगों का असर नजर आ रहा है। 2013 के पहले इस गांव में करीब दो हजार मुस्लिम परिवार बड़ी शांति से रह रहे थे, लेकिन इसके बाद इस गांव में सबकुछ बदल गया। मुजफ्फरनगर दंगों ने यहां रहने वालों की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी। कई मुस्लिम परिवारों को गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया।
2013
के
पहले
ये
गांव
बेहद
शांत
था।
यहां
18
हजार
जाट
परिवारों
के
साथ
मुस्लिम
परिवार
मिल-जुलकर
पिछले
कई
सालों
से
रह
रहे
थे।
आज
ऐसा
नहीं
है,
यहां
रहने
वाले
परिवारों
के
मन
में
दंगों
को
भूत
नजर
आ
रहा
है।
कई
परिवार
जिनका
घर
फुगाना
में
है
वो
अलग
रहने
के
लिए
मजबूर
हैं।
उनके
मन
में
फुगाना
वापस
लौटने
को
लेकर
एक
डर
सताता
रहता
है।
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
चुनाव
में
मुजफ्फरनगर
दंगों
का
असर
छाए
रहने
की
उम्मीद
है।
माना
जा
रहा
है
कि
मुस्लिम
मतदाताओं
का
वोट
किसे
जाएगा
इस
पर
सस्पेंस
कायम
है।
इस
इलाके
के
मुस्लिम
मतदाता
भी
काफी
परेशान
हैं।
निसंदेह
वो
हमेशा
से
समाजवादी
पार्टी
को
वोट
करते
आए
हैं
लेकिन
आज
उनकी
शिकायत
है
कि
दंगों
के
दौरान
उन्होंने
कोई
सुरक्षा
नहीं
दी।
फिलहाल
इस
घटना
को
हुए
तीन
साल
से
ज्यादा
बीच
चुका
है,
अभी
भी
कई
मुस्लिम
परिवार
गांव
में
वापस
नहीं
लौटे
हैं,
इसके
पीछे
राज्य
प्रशासन
पर
निशाना
साधा
गया
है
कि
उन्होंने
उनकी
वापसी
को
लेकर
कोई
खास
कदम
नहीं
उठाया।
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दो
रास्ते
स्थानीय प्रशासन से जुड़े एक सदस्य ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर वनइंडिया को बताया कि फुगाना गांव के बहुत से घर अभी भी बंद हैं। घर छोड़कर गए मुस्लिम परिवारों के वापस लौटने को लेकर कोई ठोस कदम न तो उठाया गया और न ही कोई आश्वासन दिया गया। गांव देखकर ऐसा लगता है जैसे यहां अभी कल ही दंगे हुए हैं। हालांकि घर छोड़कर गए ज्यादातर परिवार चाहते हैं कि वो अपने घरों को लौट जाएं, लेकिन ऐसा कब होगा ये वो नहीं जानते हैं। चुनाव के मौसम में उनके दिलो-दिमाग में एक डर बना हुआ है कहीं वोटों के ध्रुवीकरण के लिए फिर से कोई दंगा तो नहीं कराया जाएगा। फिलहाल इस क्षेत्र से जुड़े ज्यादातर मुस्लिम मतदाताओं ने साफ किया है कि वो इस बार बहुजन समाज पार्टी को अपना वोट देंगे।