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यूपी विधानसभा चुनाव 2017: बीजेपी की 64 लोगों वाली दूसरी लिस्‍ट न आने के पीछे है ये असल वजह

उत्‍तर प्रदेश में 300 से ज्‍यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्‍ट के बाद से ही कार्यकर्ताओं में रोष पैदा हो गया है।

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नई दिल्‍ली। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने फूंक-फूंक कर कदम रखना शुरु कर दिए हैं। पर इसी क्रम में उत्‍तर प्रदेश में 300 से ज्‍यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्‍ट के बाद से ही कार्यकर्ताओं में रोष पैदा हो गया है। भले ही भारतीय जनता पार्टी इसे खुलकर स्‍वीकार न कर रही हो, पर उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों के लिए जारी 149 की है। उस पर ही भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता खुश नहीं है। इसको लेकर इलाहाबाद से लेकर गोरखपुर और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की कई जगहों पर कार्यकर्ता प्रदर्शन कर चुके हैं।

यूपी विधानसभा चुनाव 2017: बीजेपी की 64 लोगों की दूसरी लिस्‍ट न आने के पीछे है ये असल वजह

कई लोगों ने यह भी आरोप लगाए हैं कि भाजपा ने अपनी लिस्‍ट में जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करके हेलीकॉप्‍टर उम्‍मीदवार उतारे हैं। इसकी पुष्टि ऐसे भी होती है कि भाजपा की पहली ही लिस्‍ट में 24 ऐसे चेहरे हैं जो दूसरी पार्टियों को छोड़कर आए हैं। भाजपा ने बसपा के 7 पूर्व विधायक, 2 आरएलडी विधायक और 1 कांग्रेस एमएलए को टिकट दिया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा को शुक्रवार को 64 और उम्‍मीदवारों की लिस्‍ट जारी करनी थी। पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पकंज सिंह को नोएडा और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के पुत्र को लखनऊ से टिकट देने पर फैसला नहीं हो पाया है। आपको बताते चले कि कलराज मिश्र ने अपने पुत्र के लिए लखनऊ से टिकट मांगा है। कलराज मिश्र के लोकसभा चुनाव 2014 में सांसद का चुनाव जीतने के बाद लखनऊ पूर्व की सीट खाली हुई थी। बाद में इस सीट पर लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन के पुत्र गोपाल टंडन ने चुनाव लड़ा और जीता था।

यूपी विधानसभा चुनाव 2017: बीजेपी की 64 लोगों की दूसरी लिस्‍ट न आने के पीछे है ये असल वजह

इसके अलावा स्‍वार, बिलासपुर, चमरौवा, रामपुर, शाहबाद सुरक्षित सीटों पर भी टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष है। सूत्रों ने बताया कि स्‍वार सीट से आरएसएस की पसंद शांति लाल चौहान थे पर टिकट लक्ष्‍मी सैनी को दी गई। इसी तरह बिलासपुर सीट से पूर्व विधायक ज्‍वाला गंगवार बड़ा नाम है, इसकी जगह पर बलदेव औलख, चमरौवा सीट से ख्‍यालीराम लोधी की जगह मोहन लोधी, रामपुर शहर सीट से संघ की पसंद जुगेश अरोड़ा थे पर टिकट शिव बहादुर सक्‍सेना, शाहबाद सीट से बडा नाम काशीराम दिवाकर थे पर टिकट राजबाला को दिया गया है। इसके अलावा शिकोहाबाद, ज्‍वालापुर, मीरापुर सीट पर भी विवाद है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2017: बीजेपी की 64 लोगों की दूसरी लिस्‍ट न आने के पीछे है ये असल वजह

उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का सपना देख रही बीजेपी ने अपनी लिस्ट में दलबदलुओं को खास तरजीह दी है। पार्टी ने करीब 24 उम्मीदवारों को उम्मीदवार बनाया है। उसमें कई उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने हाल के दिनों में ही भाजपा की सदस्यता ली है। इनमें सबसे अहम नाम रमेश तोमर का है। रमेश तोमर ने सोमवार सुबह ही बीजेपी का दामन थामा और शाम में जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में उन्हें टिकट दे दिया गया। रमेश तोमर धौलाना से भाजपा उम्मीदवार होंगे। तीन दिन पहले समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राजा अरिदमन सिंह की पत्नी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। अरिदमन सिंह की पत्नी पक्षालिका सिंह को आगरा बाह से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि खुद राजा अरिदमन सिंह टिकट पाने में असफल रहे। इनके अलावा बीजेपी ने बीएसपी से आए सात विधायकों, आरएलडी से आए दो विधायक और कांग्रेस के एक विधायक को टिकट दिया गया है।

यूपी विधानसभा चुनाव 2017: बीजेपी की 64 लोगों की दूसरी लिस्‍ट न आने के पीछे है ये असल वजह
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English summary
up assembly election 2017 why bjp has not released second list of 64 candidates on friday?
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