यूपी: अमेठी में डॉक्टर की लापरवाही से गई मरीज की जान, खराब खून चढ़ाने से हुई मौत
अमेठी। डॉक्टर को भले ही लोग धरती का भगवान मानते हो, लेकिन इस पेशे में भी गिरावट का असर देखने को मिल रहा हैं । अमेठी के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही ने महिला मरीज की जान ले ली । यह घटना अमेठी कोतवाली क्षेत्र स्थित संजीवनी हॉस्पिटल की है। मृतका के पति ने मंगलवार तहसील दिवस में शिकायत कर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
यह मामला अमेठी कोतवाली क्षेत्र के धममौर रोड स्थित संजीवनी हॉस्पिटल का है जहां महिला शोभा तिवारी को पेट मे गांठ के ऑपरेशन करने के लिए संजीवनी हॉस्पिटल में 27 जुलाई को भर्ती कराया गया था। यहां मौजूद डॉ. एस के सोनी ने मरीज के परिजनों से कहा की तीन बोतल खून की आवश्यकता है। डॉक्टर के कहने पर मरीज के पति संजय तिवारी ने संजय गांधी हास्पिटल मुंशीगंज से तीन बोतल खून लाकर संजीवनी अस्पताल के डॉ. एस के सोनी को दे दिया। जिसके बाद डॉक्टर साहब ने कहा एक बोतल और खून चाहिए। जिसके बाद उनको एक बोतल खून फिर से दिया गया। डॉक्टरों ने मरीज को उस दिन खून नहीं चढ़ाया बल्कि खून को फ्रिज में रखवा दिया।
मृतक के परिजनों का कहना है कि अस्पताल को खून मुहैया कराने के 5 दिन बाद यानि पांच अगस्त को वही खून मरीज को चढाया गया। जिसके बाद मरीज की हालत खराब होने लगी। तब डॉक्टर ने मरीज को संजय गांधी हास्पिटल के लिए रिफर कर दिया गया जब मरीज को लेकर परिजन संजय गांधी हास्पिटल पहुंचे तो डाक्टरों ने मरीज को ट्रामा सेंटर ले जाने को बोला जब मरीज को ट्रामा सेंटर ले गए तो वहां मरीज के परिजनों को पता चला कि जो खून मरीज को चढाया गया है उस खून से मरीज को रिएक्शन हो गया है। इसकी वजह से महिला शोभा तिवारी की मौत हो गई है।
वहीं जब इस मामले के बारे में अपर पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तहसील दिवस में ये मामला संज्ञान में आया है। मामले को एमोआईसी को जांच के लिए दे दिया गया है और जांच के बाद जो रिपार्ट आएगी उसी आधार पे विधिक कार्रवाई की जाएगी।
अमेठी के अपर पुलिस अधीक्षक बी सी दुबे ने कहा कि, तहसील दिवस में मौजूद स्वास्थ्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी को इस बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी तहसील दिवस में मुझे जांच मिला है कि संजीवनी हास्पिटल में गलत तरीके से खून चढ़ाने की वजह से एक महिला की मौत हो गई है। जिसमे चिकित्सक की टीम बना कर जांच कराया जाएगा तथा जो भी रिपोर्ट आएगी उसको शासन तक भेजा जाएगा और जो कार्रवाई होगी वो शासन करेगी।
स्वास्थ्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी मनोज पटेल ने कहा कि, एक तरफ जहां डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे चुनिंदा डॉक्टर है जो इस पेसे को बदनाम कर रहे है। भले ही योगी सरकार स्वास्थ सेवा को लेकर इतना संजीदा हो लेकिन ऐसे डॉक्टर है कि सुधरने का नाम नही ले रहे है। ऐसे में सरकार ऐसे डाक्टरों के ऊपर क्या कार्रवाई करेगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।