बांग्लादेश सीमा पर शहीद हुआ उन्नाव का लाल, फरवरी में खुद आना था अब आएगा शव
उन्नाव। आज जहां एक तरफ पूरा देश गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मना रहा है वहीं दूसरी ओर आसीवन थाना क्षेत्र का रसूलाबाद गांव पश्चिम बंगाल में शहीद हुए सैनिक के गम में डूबा हुआ है। देश का ये वीर सपूत बांग्लादेश बॉर्डर पर तानात था। यहां बीती रात वह नक्सली हमले में शहीद हो गया। BSF के जवान की शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची कोहराम मच गया। देखते-देखते मौके पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। सूचना पाकर उप जिलाधिकारी क्षेत्राधिकारी ने शहीद परिवार के बीच पहुंचकर उन्हें ढांढस बंधाया।
पांच भाइयों में तीसरे स्थान पर था शहीद जवान अरविंद कुमार विमल
आसीवन थाना क्षेत्र के गांव रसूलाबाद निवासी अरविंद कुमार विमल (26) पुत्र सुरेश कुमार कनौजिया करीब तीन वर्ष पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे। इस समय अरविंद की तैनाती बांग्लादेश के बार्डर पश्चिम बंगाल में थी। बुधवार को अरविंद शाम को खाना खाकर रात की ड्यूटी करने चले गए थे। जहां रात में नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी। अरविंद का शव हाथ-पैर बंधा मिला और शरीर पर कई गोलियां लगी थीं। साथियों द्वारा नक्सली हमले में मारे जाने की शंका व्यक्त की गई है।
शहादत
की
खबर
से
घर
में
मचा
कोहराम
आज
भाई
के
फोन
पर
अरविंद
के
शहीद
हो
जाने
की
सूचना
मिली
तो
घर
में
कोहराम
मच
गया।
आसपास
के
सैकड़ों
लोग
इकट्ठा
हो
गए।
मृतक
अपने
पाँच
भाइयों
धर्मेन्द्र,
जितेन्द्र,
अरविंद,
चन्द्रशेखर,
पवन
में
तीसरे
नंबर
पर
था।
माँ
का
रो-रो
कर
बुरा
हाल
था।
भाई
पवन
ने
बताया
अरविंद
की
शादी
तय
हो
गई
थी।
एक
फरवरी
को
आने
के
लिए
कहा
था
लेकिन
अब
शव
आ
रहा
है।
सूचना
पर
उपजिलाधिकारी
हसनगंज
मनीष
बंसल,
आसीवन
थानाध्यक्ष
नारद
मुनि
सिंह
मौके
पर
पहुँच
कर
मां
और
भाइयों
को
ढाँढस
बँधाया।
परिजनों
ने
बताया
कि
इक्कीस
वर्ष
पहले
अरविंद
के
पिता
दिल्ली
गए
थे
जहां
से
लापता
हो
गए
थे।
माँ
वेलपती
उर्फ
केता
का
रो-रो
कर
बार
बार
बेहोश
हो
जा
रही
थीं।
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