योगी सरकार के आते ही PCS के बहुचर्चित केस में दो अफसर सस्पेंड
योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही पीसीएस मेंस की कॉपी बदलने के एक बहुचर्चित मामले में दो अफसर को सस्पेंड किया गया है।
इलाहाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कमेंट करने के बाद लोक सेवा आयोग में मची हलचल पर अब जाकर कार्रवाई हुई है। विभाग ने लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2015 मुख्य परीक्षा की कॉपी बदलने के जिम्मेदार समीक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार सिंह और सहायक समीक्षा अधिकारी सुशील कुमार पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच में दोनों अधिकारियों को इस बावत दोषी पाया गया है। फिलहाल इस कार्रवाई के बाद पीसीएस परीक्षा में हो रही अनियमितताओ का प्रकरण फिर से उजागर तो हुआ है। लगातार हाईकोर्ट में जा रही आयोग की भर्तियों ने जो सवाल उठाये थे उसे भी बल मिला है।
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प्रधानमंत्री
मोदी
ने
किया
था
कमेंट
दरअसल
इस
प्रकरण
में
कार्रवाई
की
वजह
प्रधानमंत्री
मोदी
रहे।
क्योकि
उन्होंने
ने
ही
वाराणसी
की
जनसभा
में
सुहासिनी
बाजपेयी
के
कापी
बदलने
के
प्रकरण
को
उठाया
तो
मामला
भी
मीडिया
में
छा
गया।
क्योंकि
जातिवाद
को
लेकर
यूपी
पीसीएस
अक्सर
सवालों
के
घेरे
में
रही
है
और
विशेष
जाति
के
लोगों
को
चयनित
करने
का
आरोप
आयोग
पर
है।
पीएम
ने
इसे
चुनावी
मुद्दा
बनाया
तो
इसके
बाद
फिर
से
आयोग
की
किरकिरी
शुरू
हुई
लेकिन
कोई
कार्यवाही
नहीं
हुई।
परन्तु
यूपी
में
भाजपा
सरकार
बनने
के
बाद
सीएम
योगी
के
सख्त
रूख
ने
आयोग
की
बेचैनी
बढा
दी
और
ताबड़तोड़
जांच
टीम
गठित
कर
दी
गई
।
संयुक्त
सचिव
रिजवानुर्रहमान
की
देखरेख
में
जांच
कमेटी
ने
पड़ताल
शुरू
की
और
अब
समीक्षा
अधिकारी
वीरेन्द्र
कुमार
सिंह
और
सहायक
समीक्षा
अधिकारी
सुशील
कुमार
पांडेय
को
दोषी
पाते
हुये
सस्पेंड
कर
दिया
गया
।
क्या है मामला
पीसीएस 2015 मेन्स की परीक्षा में सम्मिलित प्रतियोगी छात्रा सुहासिनी को परिणाम जारी होने पर उसे काफी कम नंबर मिले और वह इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी। नंबर कम होने पर सुहासिनी ने आरटीआई दाखिल की तो पता चला कि समाज कार्य प्रथम प्रश्न पत्र की उसकी कॉपी बदल दी गई है। मामले को दबाने की कोशिश शुरू हुई और सुहासिनी पर दबाव बनाया गया। लेकिन सुहासिनी ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग करते हुये बदली कापी दिखाने के लिये आरटीआई फाइल कर दी। सुहासिनी को जब कापी दिखायी गयी तो उसे 47 के बजाए 88 नंबर मिले थे। आखिरकार सुहासिनी को मुख्य परीक्षा में पास कर दिया गया । अब पीसीएस 2015 का अंतिम परिणाम जारी होने के एक साल बाद बीते फरवरी माह में सुहासिनी को इंटरव्यू के लिये बुलाया गया। इंटरव्यू के बाद 22 फरवरी को नतीजा घोषित करते हुए सुहासिनी को फेल कर दिया गया । फिलहाल सुहासिनी बाजपेयी का प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन भी है। इलाहाबाद आ रहे पीएम मोदी से सुहासिनी मुलाकात भी कर सकती है।
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