कानपुर: कछुओं की कैलिपी का अंतरराष्ट्रीय तस्कर 'सलीम शेख' गिरफ्तार
कानपुर। कछुओं की कैलिपी (झिल्ली) के अंतरराष्ट्रीय तस्कर सलीम शेख को एसटीएफ व वन विभाग की टीम ने शुक्रवार को कानपुर सेंट्रल से गिरफ्तार किया है। उसके पास से 27 किलो खालें व कछुओं के सूखे हुए अंग बरामद हुए है। बता दें कि सॉफ्ट सेल वाले कछुओं की झिल्ली में प्रोटीन की मात्रा काफी होती है। कुछ ठंडे देशों में शक्तिवर्धक दवाएं बनाई जा रही है। साथ ही झिल्ली का पाउडर व सूप के तौर पर भी सेवन किया जाता है।
उत्तर प्रदेश में यमुना की तलहटी वाले इलाके कछुओं के अवैध शिकार और अंतरराष्ट्रीय तस्करी का केन्द्र बने हुए हैं। देश में कछुओं की 29 प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से 15 प्रजातियां अकेले उत्तर प्रदेश में पायी जाती हैं। इन प्रजाति के कछुओं का अवैध व्यापार मांस और उनके कठोर कवच यानि शेल को बेचने के लिए किया जाता है। एशिया के कई हिस्सों में कछुओं को पालने या शिकार करने की प्राचीन परम्परा है लेकिन सन् 1970 में CITES के तहत कछुए को पालतू बनाने और मारने पर रोक लगा दी गयी। इसके बाद से कछुआ तस्करों के निशाने पर आ गया।
देश के डब्लूसीसीबी यानि वन्य जीव अपराध नियन्त्रण ब्यूरो को लगातार खबर मिल रही थी कि कानपुर और आसपास के जिलों में कछुओं को काटकर उनके खोल पश्चिम बंगाल पहुंचाए जा रहे है। वहां से अंतरराष्ट्रीय तस्कर बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग, मलेशिया आदि देशों में सप्लाई कर रहे है। बता दें कि एसटीएफ के वाईल्ड लाईफ संरक्षण दस्ते ने तस्करी की अगली खेप के बारे में जानकारी जुटाई। एसटीएफ ने तस्करो के कुरियर सलीम शेख को कानपुर सेण्टल रेलवे स्टेशन के पास गिरफ्तार कर लिया। शेख दो बैग्स में लगभग 27 किलोग्राम वजन के कछुआ खोलों को ब्रहमपुत्र मेल से ले जाने वाला था। सलीम ने पांच हजार रुपये प्रति किलो की दर से खरीदकर ले जा रहा था। जिसे कोलकाता में 40 हजार रुपये के हिसाब से बेचा जाना था।