प्यार में फंसा लड़की को दिल्ली लेकर आया, दो रात बिताने के बाद धंधे में उतारा, पैकेज में कई बार लगी बोली
गाजियाबाद। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रहने वाली एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को मिस्ड कॉल के जरिए एक युवक से जान पहचान हुई। देखते ही देखते लड़की उसके प्यार में पड़ गई और उसे अमीर होने का झांसा देकर उसे घर से भगा ले गया। बस उसी दिन से नाबालिग की जिंदगी नर्क बन गई। युवक उसे लेकर दिल्ली आया और देह व्यापार के काले कारोबार में छोड़ दिया। जानकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे कि बंगाल से लेकर गाजियाबाद तक कई बार नाबालिग का सौदा हुआ। वो बिकती रही और खरीददार उसे नोंचते रहे। इस बात का खुलासा पुलिस ने गाजियाबाद से मेरठ तक फैले मानव तस्करी और देह व्यापार के काले कारोबार का भंडाफोड कर किया है। पुलिस ने गिरोह के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से दो लड़कियों को छुड़ाया गया है।
पहले खुद साथ बिताया दो रात फिर दूसरे को सौंप दिया
पुलिस के मुताबिक उलूबेरिया, हावड़ा (पश्चिम बंगाल) की रहने वाली 19 वर्षीय युवती को शरीफुल नाम का युवक शादी का झांसा देकर चार अप्रैल 2018 को साथ ले गया था। युवती के परिजनों ने थाना उलूबेरिया में अपहरण का केस दर्ज कराया हुआ है। दो दिन शरीफुल ने युवती को साथ रखा और पांच अप्रैल को बबलू मुल्ला नाम के युवक को सौंप दिया। सात अप्रैल को युवती को देह व्यापार के लिए गाजियाबाद लाकर 70 हजार रुपये में एक मोटी नाम की महिला के हाथों बेच दिया। युवती को नंदग्राम में भारती शर्मा नाम की महिला के घर में रखकर देह व्यापार कराया जा रहा था।
70 हजार में बेच दिया, कभी मेरठ तो कभी गाजियाबाद में बिताती थी रात
गाजियाबाद में मानव तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने पश्चिम बंगाल से लड़कियों को ला कर उनसे गाजियाबाद, मेरठ व एनसीआर के कई इलाकों में देह व्यापार कराने वाले एक गिरोह को पकड़ा है। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सिहानी गेट थाना और एसएसपी द्वारा गठित एक टीम की मदद से नंदग्राम से, गिरोह के सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के सदस्यों से पास से दो लड़कियों को छुड़ाया भी गया है। इस मामले में लापरवाही के लिए गाजियाबाद के एसएसपी ने नंदग्राम चौकी इंचार्ज रविन्द्र यादव को निलंबित भी कर दिया है।
और भी लड़कियां थीं इस दलदल में
एक पीड़िता ने बताया कि उसके अलावा वहां कई अन्य लड़कियां भी थीं। हर लड़की के साथ रोजाना 5-6 पुरुषों को भेजा जाता था। उनसे मिलने वाले रुपये गैंग के लोग रख लेते थे। पश्चिम बंगाल पुलिस ने बताया कि छापेमारी में कुछ और लड़कियां भी मिली थीं, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ऐसे में उन्हें केस में शामिल नहीं किया गया है।