यूपी: बैग में छिपाकर दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की हो रही थी अवैध तस्करी, वन विभाग की टीम ने मारा छापा
मेरठ। यूपी के मेरठ में स्टार प्रजाति के कछुओं की अवैध तस्करी किए जाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। वन विभाग की टीम ने एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से स्टार प्रजाति के कछुए बरामद किए हैं। इन कछुओं को चेन्नई से रेलवे पार्सल के जरिए दिल्ली मंगाया गया था। गिरफ्तार युवक दिल्ली रेलवे स्टेशन से यह पार्सल लेकर मेरठ आया था। गिरफ्तार युवक ने बताया कि ये कछुओं को घरों में पालने वाले लोगों को ऊंचे दामों में सप्लाई किया करते थे। फिलहाल वाइल्ड लाइफ के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
दो साल से हो रही थी तस्करी
गिरफ्तार युवक के पास से स्टार प्रजाति के 18 कछुए बरामद हुए हैं। पूछताछ में पता चला कि पिछले दो साल से यह तस्करी का धंधा चल रहा था और इन कछुओं को घरों में पालने वाले लोगों को सप्लाई किया जा रहा था। पूरे मामले की डीएफओ अदिति शर्मा ने जानकारी देते हुए इस तस्करी का खुलासा किया। डीएफओ के मुताबिक वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो नई दिल्ली से मिली सूचना के बाद वाइल्ड ट्रस्ट आफ इंडिया संस्था की मदद से अवैध रूप से किए जा रहे स्टार कछुओं के व्यापार का खुलासा करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।
मुखबिर से मिली सूचना
डीएफओ अदिति शर्मा ने बताया कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव उत्तर प्रदेश पवन कुमार के निर्देशों के क्रम में मुखबिर से सूचना मिली। मुखबिर की सूचना पर वन विभाग मेरठ व वन्य जीव एवं अपराध अनुसंधान नोएडा की संयुक्त टीम ने हजारी की प्याऊ सांई मंदिर के पास से एक युवक को पकड़ा। युवक ने अपना नाम सुमित गर्ग निवासी मकान नंबर 141/3 शास्त्रीनगर बताया।
बैग में छिपा रखे थे कछुए
युवक के पास जो बैग था जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके अंदर गत्ते के डिब्बे में जीवित 12 स्टार कछुए तथा पांच विदेशी कछुए बरामद हुए। पूछताछ में उसने जो जानकारी दी उसके आधार पर शुभम गोस्वामी निवासी 235/8 जागृति विहार के यहां दबिश दी गई, वहां से एक जीवित कछुआ बरामद हुआ। डीएफओ अदिति शर्मा और कंजरवेटर वन्य जीव एवं अपराध अनुसंधान नोएडा एचवी गिरीश के मुताबिक अभी तक पूछताछ और जांच-पड़ताल में सामने आया कि बरामद किए गए कछुओं को चेन्नई से रेलवे पार्सल द्वारा दिल्ली मंगाया गया था। सुमित दो साल से इस काम को कर रहा है। गिरफ्तार किए गए आरोपी के खिलाफ वन अपराध प्रसूचना संख्या 22/2018-19 भारतीय वन अधिनियम 1972 की धारा 2, 9, 50 (1) व 51 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। आरोपी को न्यायालय एसीजेएम में पेश किया तो न्यायालय ने आरोपी को रिमांड पर जेल भेज दिया है।