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डकैतों की झूठी कहानी सुनाकर बचना चाहते थे हत्यारे, करंट से मार पत्थर बांधकर लाश पानी में फेंकी

मोहनलाल को तीनों खेत में पकड़ ले गए और नंगे तारों से बांधकर उस में करंट दौड़ा दिया। हत्यारों ने दोबारा लाश को बाहर निकाला और पत्थरों से बांधकर फिर से लाश पानी में फेंकी।

By Gaurav Dwivedi
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इलाहाबाद। यूपी के चित्रकूट जिले में एक पखवाड़े पहले हुई मोहनलाल पटेल की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मोहन के हत्यारे उसके ही दोस्त निकले और पैसे के लेनदेन को लेकर उसकी बेरहमी से हत्या कर डाली। हत्या करने के बाद दोस्तों ने ही डकैतों द्वारा अपहरण की झूठी अफवाह फैलाई और खुद हत्यारों की पकड़ में पुलिस की मदद का ड्रामा करने लगे। लेकिन उनका ये झूठ ज्यादा दिन नहीं चल सका और पूछताछ में पुलिस ने सारा सच उगलवा लिया। फिलहाल तीनों दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

क्या है घटना?

क्या है घटना?

चित्रकूट के खरोद गांव में रहने वाले मोहनलाल पटेल लेबर ठेकेदार हैं। एक पखवाड़े पहले मोहनलाल पटेल अचानक इलाहाबाद के करछना इलाके से गायब हो गया। मोहन के दोस्त रामनरेश ने परिजनों को बताया कि मोहन का डकैतों ने अपहरण कर लिया है और 6 लाख की फिरौती मांगी है। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान जब मामले में डकैतों का कोई लिंक मिलता नहीं नजर आया तब पुलिस ने रामनरेश और उसके कुछ दोस्तों को पूछताछ के लिए उठाया। पहले तो रामनरेश और उसके दोस्त डकैतों की कहानी ही सुनाते रहे लेकिन जब तीनों से अलग-अलग पूछताछ की गई तो तीनों की कहानी अलग निकली और पुलिस के लिए इतना ही काफी था। कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई तो पैसे के लेनदेन में हत्या का मामला खुला।

इस तरह हुई वारदात

इस तरह हुई वारदात

28 नवंबर को पैसे के लेनदेन को लेकर मोहनलाल का रामनरेश, राजकरन और बुलचलवा से विवाद हो गया। मामला बढ़ा तो मोहनलाल को तीनों खेत में पकड़ ले गए और नंगे तारों से बांधकर उस में करंट दौड़ा दिया। जिससे मोहनलाल की खौफनाक मौत हो गई। घटना के बाद शव छिपाने के लिए वाल्मीकि नदी में मोहनलाल का शव फेंक दिया गया, लेकिन दूसरे दिन ही लाश पानी में ऊपर आ गई। हत्यारों ने दोबारा लाश को बाहर निकाला और पत्थरों से बांधकर फिर से लाश पानी में फेंक दिया।

क्या कह रही है पुलिस?

क्या कह रही है पुलिस?

मामले का खुलासा करते हुए एसपी गोपेंद्र सिंह ने बताया की मामले में डकैतों का नाम सामने आने के बाद हमारी टीमें एक्शन में आ गई थीं। चूंकि ये इलाका डकैतों का था और इस इलाके में दस्यु गोप्पा इस तरह की घटनाएं अंजाम देता हैं, इसलिए इसी कड़ी पर पुलिस टीम जांच करने लगी। जंगल में कांबिंग शुरू हुई, लेकिन ना तो कोई लोकेशन ट्रेस हुई और ना ही कोई सुराग मिले। जिससे साफ ही गया कि डकैतों की गैंग इस ओर नहीं आई। मुकदमा दर्ज कराने वाले ठेकेदार फूलचंद्र से पूछताछ की गई तब मोहन के दोस्त रामनरेश, राजकरन और बुल चलवा का नाम सामने आया, जिनका पैसे को लेकर मोहनलाल से विवाद हुआ था। रामनरेश को पूछताछ के लिए थाने ले जाने के बाद जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो धीरे-धीरे सारा राज खुल गया। निशानदेही पर लाश नदी से निकाल ली गई है, परिजनों के शिनाख्त करने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया है। मामले में तीनों दोस्तों को अब जेल भेज दिया गया है।

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English summary
Told dacoit story to escape after Killing in Allahabad
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