नदी तैरकर गांव पहुंचा था बाघ, कुत्तों ने दौड़ाकर बस्ती से फिर किया बाहर, वीडियो
बहराइच। गेरुआ नदी पार कर कतर्निया गांव में बुधवार को जंगल से निकलकर एक बाघ पहुंच गया। बाघ को आता देखकर गांव में भगदड़ मच गई, लोगों ने घरों के किवाड़ बंद कर अपनी जान बचाई। बाघ को आता देखकर कुत्ते बाघ को दौड़ा लिया। लगभग एक घंटे तक बाघ इधर से उधर छलांग लगाता रहा। लोगों की सूचना पर रेंजर व एसएसबी के जवान तत्काल मौके पर पहुंच गए। रेंजर ने बताया कि एसएसबी जवानों व वनकर्मियों के साथ हांका लगाकर बाघ को कतर्नियाघाट जंगल की ओर किसी तरह भगाया दिया गया।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत कतर्नियाघाट गांव स्थित है। गांव के लोग घर में मौजूद थे। तभी जंगल से निकलकर एक बाघ गांव में पहुंच गया। घर के बाहर मौजूद लोगों ने आनन फानन में घर में घुसकर जान बचाई। चीख पुकार मच गई। गनीमत यही रही कि गांव के सभी परिवार के लोग घरों में कैद हो गए। ग्रामीणों की चीख पुकार सुनकर सौ मीटर की दूरी पर स्थित कतर्नियाघाट एसएसबी कैंप के जवान मदद को आगे बढ़े लेकिन गांव में बाघ को उछलते देख सभी सहम गए।
एसएसबी के जवानों ने भी हांका लगाना शुरू किया। इसके बावजूद लगभग एक घंटे तक बाघ गांव में उछलता कूदता रहा। बाघ के जंगल की ओर जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। वन अधिकारियों का कहना है कि बाघ के गांव में पहुंचने की सूचना एसएसबी द्वारा मिली है। वन कर्मियों की टीम गठित कर कांबिंग करवाई जा रही है। लेकिन गांव के लोगों को सजग रहने की जरूरत है। उन्होने कहा कि गांव के लोगों को पटाखे बांटे गए हैं। बाघ के पुन: आने पर सामना करने के बजाए हाका लगाते हुए पटाखे दागने के निर्देश दिए गए हैं। घटना से गांव के लोग दहशत में हैं।