बेटी को बाघ के पंजे में देख लड़ पड़ी मां, बहराइच में दहशत का माहौल
तभी बाघ ने संगनी पर झपट्टा मारा और उसके सिर को दबोच लिया। बच्ची की चीख सुनकर मां सुनैना बचाव के लिए दौड़ पड़ी। इसके बाद क्या हुआ खबर पढ़ें।
बहराइच। बेटी को संकट में देख एक मां बाघ से भिड़ गई। उसने करीब 10 मिनट तक उसपर वार किया और मौत के मुंह से बेटी को निकाल लाई। ये मामला कतर्नियाघाट सैंचुरी में मोतीपुर रेंज के नैनिहा गांव का है। बाघ के हमले में घायल बच्ची जिला अस्पताल में भर्ती है। मां के साहस की इलाके में चर्चा है। वहीं डीएफओ ने पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान की है।
मोतीपुर थाने के नैनिहा गांव की 54 नंबर कॉलोनी मोतीपुर रेंज के जंगल से सटी हुई है। यहां मंगलवार की देर रात में बाघ रामानुज के घर में घुसा। इस वक्त रामानुज की पत्नी सुनैना खाना पका रही थी। जबकि उसकी बेटी संगनी (9) आंगन में नल के पास पानी पी रही थी। तभी बाघ ने संगनी पर झपट्टा मारा और उसके सिर को दबोच लिया। बच्ची की चीख सुनकर मां सुनैना बचाव के लिए दौड़ी और बाघ पर डंडों से हमला बोल दिया। वो 10 मिनट तक ताबड़तोड़ बाघ से जूझती रही। तब तक परिजन व आसपास के लोग मौके पर जुट गए।
ये देख बाघ बेटी संगिनी को छोड़ जंगल की ओर चला गया। उसके सिर व पैरों पर नाखून व दांतों के जख्म आए हैं। ग्रामीणों ने इसकी सूचना रेंज कार्यालय को दी। काफी देर बाद तक जब टीम नहीं पहुंची तो घायल को किसी तरह मोतीपुर सीएचसी लाया गया। रेंजर मोतीपुर खुर्शीद आलम अपनी टीम के साथ सीएचसी पहुंचे। चिकित्सकों ने घायल की हालत गंभीर देखते हुए उसे प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया।
वहीं जंगल से सटे इलाको में तीन सप्ताह के भीतर तेंदुआ भी तीन बालकों सहित चार लोगों को घायल कर चुका है। इलाके में बाघ के हमले के बाद दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी मिलते ही डीएफओ जीपी सिंह जिला अस्पताल पहुंचे। घायल बच्ची के परिजनों को इलाज के लिए पांच हजार रुपए की वन महकमें ने मदद मुहैया कराई है। डीएफओ ने बताया कि वन महकमे की टीमों को सतर्क किया गया है। ग्रामीणों से भी सावधानी बरतने को कहा गया है।