अटल जी की अस्थियों को प्रयागराज में विसर्जित करने के पीछे जुड़ा है ये मकसद
इलाहाबाद। भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश 24 अगस्त की शाम संगम नगरी पहुंचेगा। रात्रि में अस्थि कलश को सर्किट हाउस में रखा जाएगा और सुबह 25 अगस्त को अस्थि कलश यात्रा संगम तट की ओर रवाना होगी। तीर्थों के राजा प्रयागराज में अटल जी की अस्थियों के विसर्जन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं राज्यमंत्री महेंद्र सिंह को मिली है। लेकिन क्या आप अटल जी के प्रयागराज में अस्थि विसर्जन करने के कारण को जानते हैं । इसके पीछे एक धार्मिक वजह है। जिसकी वजह से अटल जी के अस्थि का विसर्जन यहां प्रयागराज में किया जाना अति आवश्यक है। दरअसल प्रयागराज पितरों की मुक्ति का प्रथम दरवाजा है। यानी मोक्ष व स्वर्ग की कामना बगैर प्रयागराज में अस्थि विसर्जन के पूर्ण नहीं हो सकती है। पुर्खों की मुक्ति और तृप्ति की अलौकिक अदृश्य यात्रा प्रयाग से शुरू होती है। इसके बाद मध्य द्वार काशी है और अंतिम द्वार गया होते हुए बद्रीनाथ धाम में स्थापना के साथ यह यात्रा पूर्ण होती है।
स्वयं
विष्णु
करते
हैं
वास
मान्यता
है
कि
प्रयागराज
के
संगम
के
जल
में
मुक्ति
के
देवता
स्वयं
भगवान
विष्णु,
वेणी
माधव
के
रूप
में
वास
करते
हैं।
इसलिये
हिंदू
धर्म
में
अंतिम
संस्कार
के
बाद
अस्थि
विसर्जन
और
पितृपक्ष
में
पुर्खों
के
नाम
पिंडदान
और
पितृ
तर्पण
भी
यहीं
किया
जाता
है।
यह
पवित्र
क्षेत्र
पितरों
की
मुक्ति
का
प्रथम
दरवाजा
है
और
यहीं
से
पुर्खों
की
मुक्ति
और
तृप्ति
की
यात्रा
प्रारंभ
होती
है।
पौराणिक
मान्यता
व
पुराणों
में
इस
बात
का
उल्लेख
मिलता
है
कि
प्रयाग
में
संगम
तट
पर
पिंडदान
करने
पर
भगवान
विष्णु
के
साथ
ही
33
करोड़
देवी-देवता
प्रसन्न
होते
हैं
और
पितरों
को
मुक्ति
प्रदान
करते
हैं।
शरीर
त्यागने
वाली
आत्मा
को
भगवान
विष्णु
के
बैकुण्ठ
लोक
जाने
के
लिये
यानी
मोक्ष
के
लिये
ही
यहां
पिंडदान
करने
के
बाद
संगम
में
स्नान
और
जल
का
तर्पण
करने
की
परंपरा
है।
इसी
वजह
से
अटल
जी
की
भी
अस्थियों
का
विसर्जन
यहां
किया
जाएगा
ताकि
उनकी
आत्मा
को
मोक्ष
की
प्राप्ति
हो
।
क्या
है
कार्यक्रम
पूर्व
प्रधानमंत्री
अटल
बिहारी
वाजपेयी
की
अस्थि
विसर्जन
कलश
यात्रा
24
अगस्त
की
शाम
को
इलाहाबाद
पहुंचेगी।
रातभर
अस्थि
कलश
सर्किट
हाउस
में
ही
रखा
जायेगा
।
25
अगस्त
की
सुबह
सर्किट
हाउस
में
सर्वदलीय
श्रद्धांजलि
सभा
आयोजित
की
गई
है।
जिसके
बाद
11
बजे
अस्थि
कलश
यात्रा
सर्किट
हाउस
से
संगम
के
लिए
रवाना
होगी।
यह
है
रूट
अस्थि
विसर्जन
कलश
यात्रा
25
अगस्त
को
सर्किट
हाउस
में
श्रद्धांजलि
सभा
के
बाद
इंदिरा
गांधी
चौराहा,
हीरा
हलवाई
चौराहा,
हिंदू
हॉस्टल
चौराहा,
चंद्रशेखर
आजाद
मूर्ति,
पंडित
दीन
दयाल
मूर्ति
चौराहा,
गीता
निकेतन,
फोर्ट
रोड
चौराहा
से
होकर
संगम
पहुंचेगी।
शहर
के
इन
स्थानों
पर
पुष्पार्चन
का
कार्यक्रम
आयोजित
किया
गया
है।