UP में 27 IAS अधिकारियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, जानिए अब CM ने क्यों तलब की रिपोर्ट
लखनऊ, 30 जून: उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था। सरकार को बने हुए तीन महीने से ज्यादा समय बीत चुके हैं। सरकार अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरा करने जा रही है लेकिन अभी तक यूपी के करीब दो दर्जन से ज्यादा आइिर्एएस अधिकारियों ने सीएम के निर्देश का पालन नहीं किया है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है। शासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीएम ने इन अधिकारियों के बारे में रिपोर्ट तलब की है। जल्द ही वो इसको लेकर कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
27 आईएएस अधिकारियों ने नहीं सौंपा ब्यौरा
केंद्र और राज्य सरकारों की सेवा में तैनात यूपी कैडर के 27 से अधिक आईएएस अधिकारियों ने निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। इसमें जिलाधिकारी (डीएम), विशेष सचिव स्तर के अधिकारी और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर मौजूद अधिकारी शामिल हैं। इन अधिकारियों ने अभी तक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया है। सूत्रों की माने तो सीएम ने अब इन अधिकारियों के बारे में पूरी रिपोर्ट तलब की है। जल्द ही सीएम इनके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं।
डीओपीटी में है ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान
ऐसे कई अधिकारी जो इस साल 1 जनवरी या उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे, उन्होंने भी ब्योरा देने की जरूरत महसूस नहीं की। प्रोन्नति पर विचार करने के लिए नियत समय में संपत्ति विवरण प्रदान करना अनिवार्य है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मुताबिक ऐसा न करने पर कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है। इससे पहले भी योगी ने अपनी पहली सरकार में भी अधिकारियों को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।
11 जनवरी को मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया था
राज्य सरकार के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा, 'डीओपीटी में स्थापना अधिकारी और अतिरिक्त सचिव दीप्ति शंकर ने इस संबंध में इस साल 11 जनवरी को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा था। उन्होंने आईएएस आचरण नियमों का हवाला देते हुए सभी कार्यरत आईएएस अधिकारियों को 31 जनवरी 2022 तक 31 दिसंबर 2021 तक अपनी अचल संपत्ति का विवरण दाखिल करने को कहा था लेकिन अधिकारियों ने इसका अनुपालन नहीं किया है।