PICs: दुनिया की सबसे लंबी वीणा मां सरस्वती को अर्पित, रेत से कृलाकृति का ये देखिए अद्भुत नजारा
रेत से निर्मित इस अद्भुत कलाकृति को देखने के लिए हजारों लोग पहुंच रहे हैं। कलाकारों की सराहना व प्रोत्साहन के साथ मीडिया के माध्यम से इस कलाकृति को विश्वभर में पहचान मिल रही है।
इलाहाबाद। न्याय की नगरी, साहित्य की धरोहर, आधात्यम का केन्द्र और जाने कितनी पौराणिकता को संजोए प्रयागराज एक बार फिर अपनी अद्भुत छवि से विश्वभर को सम्मोहित कर रहा है। संगम की रेती पर विश्व की सबसे बड़ी वीणा बनाई गई है। रेत से बनी इस वीणा को 11 दिनों में 84 छात्र-छात्राओं ने तैयार कर संगम नगरी की धाक मूर्तिकला के क्षेत्र में भी जमा दी है।
Read
more:
किसानों
की
जल
जाए
फसल
तो
अपनाएं
ये
तरीका,
मिलेगी
तुरंत
आर्थिक
मदद
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दृश्यकला विभाग के छात्र-छात्राओं ने संगम नोज पर रेत से दुनिया की सबसे लंबी वीणा तैयार की है। रेत से निर्मित इस अद्भुत कलाकृति को देखने के लिए हजारों लोग पहुंच रहे हैं। कलाकारों की सराहना व प्रोत्साहन के साथ मीडिया के माध्यम से इस कलाकृति को विश्वभर में पहचान मिल रही है।
पचरंगी वीणा में आस्था और सेल्फी
जैसा की आप जानते हैं वीणा ज्ञान की देवी मां सरस्वती की छवि का हिस्सा है और इसे लोग आस्था के नजरिए से देखते हैं। ऐसे में हर देखने वाला इसे अपने बेहतरीन लम्हों में संजोने के लिए तस्वीरें खींच रहा है। वीणा के साथ कोई खड़ा होकर, कोई बैठकर तो कोई वीणा को स्पर्श करते हुए सेल्फी खीच रहा है। संगम की रेत से बनी दुनिया की सबसे लंबी वीणा को आकर्षक बनाने के लिए कलाकारों ने पांच रंगों का इस्तेमाल किया है। जिसमें लाल, हरा, भूरा, काला और पीले रंग का प्रयोग बेहद ही खूबसूरत ढंग से किया गया है।
अद्भुत है ये नजारा
संगम तट पर पहुंचने के बाद वैसे ही आध्यात्मिकता की छठा से अद्भुत प्रकाश फैला दिखाई पड़ता है लेकिन इस विशालकाय वीणा की मौजूदगी संगम तट की खूबसूरती को अद्भुत बना रही है। टीमों को लीड कर रहे उधम सिंह पटेल ने बताया की वीणा की लंबाई 450 फिट, चौड़ाई 60 फिट और ऊंचाई 20 फिट है। रेत से बनी इस वीणा के चारों तरफ सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए मूर्ति भी बनाई गई है। अब सुबह से देर शाम तक रेत से तैयार इस वीणा को देखने के लिए हजारों लोग जुट रहे हैं।
कुप्रथाओं पर चोट कर जागरुकता के कई निशान
रेत की इस वीणा के चारों तरफ भी कलाकृतियां बनी हैं। जिसमें कुप्रथाओं पर चोट करते हुए जागरुकता का बिगुल बजाया जा रहा है। कलाकृतियों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सर्व शिक्षा अभियान, पर्यावरण सुरक्षा, पौधरोपण, नशा मुक्त समाज, दहेज प्रथा आदि की मूर्ति रेत से तैयार की गई है।