देवरिया कांड: हाईकोर्ट ने पूछा कि ऐसे शेल्टर होम बताएं जहां लड़कियां सुरक्षित हैं?
इलाहाबाद। देवरिया के शेल्टर होम में लड़कियों के साथ देह व्यापार के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ पद्मा सिंह और अनुराधा की जनहित याचिका पर आज इलाहबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने शेल्टर हाउसों की आधी अधूरी रिपोर्ट पर सरकार को फटकार लगाते हुये नाराजगी व्यक्त की है और पुलिस के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई न किये जाने पर सवाल उठाये हैं। वही, सरकार की ओर से जांच रिपोर्ट में बच्चियों के बयान के साथ उनकी मेडिकल रिपोर्ट भी सौंपी गई है। सीबीआई ने मामले में अभी केस दर्ज किया या नहीं इस पर सरकार द्वारा कोई जानकारी न दिये जाने पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है।
हाईकोर्ट
ने
क्या
पूछा
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
ने
एसआईटी
रिपोर्ट
पर
असंतुष्टि
व्यक्त
करते
हुए
सरकार
से
पूछा
है
कि
सरकार
ऐसे
एनजीओ
की
रिपोर्ट
दे,
जो
अच्छी
हों
और
जहां
लड़कियों
को
रखा
जा
सकता
है।
हाईकोर्ट
ने
देवरिया
के
सभी
एसएचओ
की
डिटेल
के
साथ
एसआईटी
जांच
में
शामिल
अधिकारियों
की
भी
जानकारी
मांगी
है।
शाम
4
बजे
तक
सामाजिक
कार्यकर्ता
डॉ
पद्मा
सिंह
और
अनुराधा
की
याचिका
पर
बहस
कर
रहे
अधिवक्ता
इस
मामले
पर
विस्तृत
जानकारी
मीडिया
से
साझा
करेंगे।
याचिका
में
क्या
है
सामाजिक
कार्यकर्ता
डॉ
पद्मा
सिंह
और
अनुराधा
की
जनहित
याचिका
में
देवरिया
के
शेल्टर
होम
में
लड़कियों
के
साथ
देह
व्यापार
के
मामले
में
कार्रवाई
समेत
यूपी
के
सभी
शेल्टर
होम
में
बेहतर
मूलभूत
सुविधा,
सुरक्षा
व्यवस्था
वअवैध
शेल्टर
होम
बन्द
करने
की
भी
मांग
की
गई
है।
लेकिन,
सरकार
की
ओर
से
अभी
यूपी
के
दूसरे
शेल्टर
हाउस
के
बारे
में
जानकारी
नहीं
दी
गई
है।
जिस
पर
कोर्ट
ने
गहरी
नाराजगी
व्यक्त
की
है।
याद
दिला
दें
कि
8
अगस्त
को
देवरिया
के
मां
विंध्यवासिनी
बालगृह
बालिका
शेल्टर
होम
में
लड़कियों
के
साथ
देह
व्यापार
कराने
का
मामला
सामने
आया
था।
जिसे
लेकर
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
की
गई
है।
अभी
तक
के
अनसुलझे
सवाल
हाईकोर्ट
ने
पिछली
सुनवाई
से
अब
तक
कई
सवाल
उठाये
हैं।
जिनमे
पूछा
गया
है
कि
सेक्स
रैकेट
के
पीछे
राजनेता
व
वीआईपी
तो
नही
हैं?
पुलिस
अफसरों
के
खिलाफ
कार्रवाई
क्यों
नहीं
की
गई?
संस्था
के
ब्लैक
लिस्टेड
होने
के
बाद
भी
पुलिस
वहां
लड़कियों
को
क्यों
भेजती
थी?
यूपी
में
कितने
अच्छे
शेल्टर
होम
हैं,
जहां
बच्चियां
सुरक्षित
रखा
जा
सकता
हैं
?
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