यूपी: गृह कलेश से बचने के लिए तेज प्रताप यादव ने ली इस मंदिर की शरण, लालू का भी रहा है इससे जुड़ाव
मिर्जापुर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी पत्नी को तलाक की अर्जी देने के बाद यूपी के एक चर्चित मंदिर में पूजा का आयोजन करवाया है। अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए तेज प्रताप मां विंध्यवासिनी के धाम में ग्रहों की शांति के लिए सप्तशती का पाठ करा रहे हैं। मंदिर परिसर में ग्यारह पुरोहितों ने नौ दिनों का पाठ शुरू कर दिया है। हालांकि तेज प्रताप खुद तो विंध्यधाम नहीं पहुंचे पर अपने पुरोहित से बात कर अनुष्ठान के लिए अपना वस्त्र भिजवा दिया। पुरोहित उसी को अभिमंत्रित कर साधना स्थल पर रखकर अनुष्ठान कर रहे हैं।
लालू भी आते थे तंत्र साधना के लिए
पत्नी को तलाक देने की अर्जी देने के दो दिन बाद बोध गया से पटना लौटते समय तेज प्रताप यादव के अचानक गायब होने के बाद राजनैतिक माहौल गरम हो गया था। तंत्रमंत्र में विश्वास करने वाले तेज प्रताप यादव के पिता पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के गुरु पागल बाबा भी अष्टभुजा पहाड़ी पर रहते थे। जब भी लालू यादव किसी उलझन में फंसते थे तो वे मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजन कर अपने गुरु पागल बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंच जाते थे।
तेज प्रताप के पुरोहित दुर्गा सप्तशती का करा रहे है पाठ
पिता के साथ पुत्र तेज प्रताप एवं अन्य परिजन भी विंध्यधाम आते रहे हैं। तेज प्रताप यादव की पत्नी से हुए विवाद के बाद पूरे परिवार में अस्थिरता का मौहाल उत्पन्न हो गया था। पारीवारिक शांति के लिए पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव अपने तीर्थ पुरोहित राजमिश्र की सलाह पर मां विंध्यवासिनी के दरबार में दुर्गा सप्तशती का पाठ करा रहे हैं। कुल 11 पुरोहित प्रतिदिन सप्तशती का पाठ कर विधि-विधान से हवन पूजन कर रहे हैं। इसका समापन नौ नवंबर को होगा। पुरोहित राज मिश्र ने बताया कि रविवार को तेज प्रताप यादव से हुई टेलीफोनिक वार्ता के बाद अनुष्ठान कराया जा रहा है।