मंदिर नहीं मकबरा है ताजमहल, सरकार और पुरात्तव विभाग ने कोर्ट में दिया जवाब
आगरा। भारत सरकार और केंद्रीय पुरात्तव विभाग ने आगरा के ताजमहल को लेकर चल रहे मामले में स्थानीय कोर्ट में अपना जवाब दाखिला किया। इस जवाब में कहा गया है कि ताजमहल मंदिर नहीं बल्कि शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया गया मकबरा है। आपको बता दें कि हाल ही में एक RTI के तहत यह विवाद खड़ा हुआ था कि ताजमहल एक मकबरा है या फिर एक मंदिर। इसी का जवाब देते हुए सरकार और पुरातत्व विभाग ने गुरुवार को कोर्ट में यह बात कही।
दरअसल लखनऊ के गोमतीनगर निवासी अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पांच साथियों ने एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि ताजमहल मंदिर है। उन्होंने अपनी याचिका में ताजमहल को शिव मंदिर तेजोमहालय होने का दावा किया है। इस याचिका में भारत सरकार और केंद्रीय पुरातत्व विभाग को पक्षकार बनाया गया है। दोनों की ओर से पैरोकार ने गुरुवार को कोर्ट में जवाब दाखिल किया।
इस पर हरीशंकर जैन की ओर से अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने जवाब को अपूर्ण बताया। कहा कि यह जवाब पोषणीय नहीं है। उन्होंने इस जवाब का प्रतिवाद करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। पीठासीन न्यायाधीश अभिषेक सिन्हा मामले की अगली सुनवाई 11 सितम्बर को करेंगे। उल्लेखनीय है कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां 1628-1658 में अपने बेगम मुमताज की याद में बनवाया था।