VIDEO: स्वीमिंग कर रहा है हाथ-पैर बांधकर तो पीठ पर लाद ली है मौत
प्रमोद के स्टेमिना का लोहा कोच विश्ववेश्वर प्रसाद भी मानते हैं और सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि प्रमोद के यूएस जाने में उसकी मदद की जाए।
वाराणसी। काशी के दरभंगा घाट पर गंगा की अविरल धारा में प्रमोद साहनी ने नई चुनौती लेकर छलांग लगा दी है। स्वीमिंग चौंपियन प्रमोद हाथ-पैर बांधकर, पीठ पर ढाई किलो का वजन लेकर गंगा में जब छलांग लगाई तो हर कोई चौंक गया। यही नहीं प्रमोद ने कारनामा करते हुए 100 मीटर की दूरी महज 55 सेकेंड में पूरी की।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को दिलाना चाहता है मैडल
प्रमोद ने बताया उनका सेलेक्शन वर्ल्ड मास्टर स्वीमिंग चैंपियनशिप यूएसए 2017 के लिए हुआ है। अगस्त में उन्हें जाना है और वो कंसंट्रेशन के लिए प्रेक्टिस कर रहे हैं। प्रमोद ने बताया कि उन्हें यूएसए के लिए ढाई लाख रुपए की आवश्यकता है जिसके लिए वो कड़ी मेहनत कर नाव चलाकर पैसों के इंतजाम में लगे हुए हैं। यहां तक की प्रमोद ने कहा जब तक वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत को मैडल नहीं दिला दूंगा तब तक शादी नहीं करूंगा।
कभी 200 दिहाड़ी पर कटती थी जिंदगी
प्रमोद के पिता भग्गूलाल नाविक है। यही नहीं प्रमोद कुछ सालों पहले तक विनोद मांझी के यहां 200 रुपए रोज पर नौकरी करते थे। 1995 में उनपर तैराकी का ऐसा जुनून सवार हुआ कि अब वो बच्चों को दोस्तों संग ट्रेनिंग भी देते हैं। 2010 से 17 के बीच एक गोल्ड समेत 17 मैडल, वहीं नेशनल में भी जीत दर्ज कर चुके हैं। मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए प्रमोद लोगों को गंगा स्वच्छता के लिए संदेश देना चाहते हैं। साथ ही प्रमोद विश्व रिकॉड बनाकर काशी का नाम रोशन करना चाहते हैं। उन्होंने बताया यूएसए के 32 देशों से 4,000 के ऊपर स्विमर आएंगे।
प्रमोद के स्टेमिना पर कोच को भी है यकीन
हाथ-पैर बांध पीठ पर वजन लेकर तैरना मानों कई हाथी जैसा मनोबल होना चाहिए। ऐसे में एक गलती जान ले सकती है। कोच विश्वेश्वर प्रसाद का कहना है कि सरकार कभी ऐसे प्रतिभा दबाना नहीं चाहेगी। प्रमोद के अंदर स्टेमिना बहुत गजब का है। यही नहीं प्रमोद के कोच बताते हैं की हाथ-पैर को बांधकर नदी या गंगा को पार करना बहुत ही मुश्किलों भरा काम हैं।
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