चुनाव प्रचार में हिंदुत्व का तड़का लगने से बीजेपी को फायदा, स्वामी खुश
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा था कि चुनाव के समय कोई भी उम्मीदवार अब जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर लोगों से वोट नहीं मांग पाएगा।
नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा था कि चुनाव के समय कोई भी उम्मीदवार अब जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर लोगों से वोट नहीं मांग पाएगा। इसका असर भी दिखना शुरु हुआ था। चुनाव से पहले भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने मुस्लिम समुदाय पर टिप्पणी की थी जिस पर चुनाव आयोग ने उनको नोटिस भेज दिया था।
इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के तीन चरणों के दौरान चुनाव प्रचार में धर्म, संप्रदाय और जाति को लेकर सीधे तौर पर वोट मांगने की या फिर लोगों को उकसाने की बातें सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओ ने नहीं की थी। पर जैसे ही तीसरे चरण का मतदान खत्म हुआ, इसके बाद खुले तौर पर सांप्रदायिक आधार पर लोगों को अपनी बातों के जरिए बांटने का काम शुरु हो गया।
स्वामी ने कहा मैं हूं खुश
इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने प्रचार में हिदुंत्व के एजेंडे को शामिल कर लिया है। इस बात से खुश होकर भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैं यह देखकर खुश हूं कि यूपी विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार में हिंदुत्व के एजेंडे को भाजपा ने अब शामिल कर लिया है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने यूपी चुनाव के दौरान पहली बार भाजपा के चुनाव प्रचार की तारीफ की है। इससे पहले स्वामी खबरों में इसलिए आ गए थे क्योंकि उन्होंने साफतौर पर कहा था कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत की तरह यूपी में भी मायावती की जीत होगी, जिसकी उम्मीद कोई नहीं लगा रहा है।
पीएम ने कहा था...
आपको बताते चले कि यूपी में तीसरे चरण का मतदान होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फतेहपुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि हर किसी गांव मे कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। अगर रमजान या होली पर बिजली मिलती है तो दिवाली और ईद पर भी मिलनी चाहिए। जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस बयान की शिकायत बाद में कांग्रेस ने चुनाव आयोग में करते हुए कहा था कि पीएम मोदी का यह बयान सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना है और चुनावी आचार संहिता का उल्लघंन है।
कांग्रेस को लिया आड़े हाथों
इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर स्वामी कांग्रेस को आड़े हाथों ले चुके थे और कांग्रेस से पूछा था कि क्या उसने संविधान का अनुच्छेद 14 पढ़ा है कि नहीं। स्वामी ने अब इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा करके अब भाजपा को हर दिन फायदा होगा।
अमित शाह ने कहा
वहीं दूसरी तरफ बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आतंकी कसाब के नाम को सीधे तौर पर कांग्रेस, समजावादी पार्टी और बसपा से जोड़ दिया। चौरा-चोरी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कसाब का नाम मतलब बताया और उससे मुक्ति पाने की बात कही है। इस पर कांग्रेस ने कहा कि यह भाजपा की सांप्रदायिक सोच को दिखाती है।
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