चल रही थी ADG की समीक्षा बैठक, सिपाही कर रहे थे मुंह छिपाकर प्रदर्शन, तस्वीरें वायरल
सुल्तानपुर। विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद से यूपी पुलिस सोशल मीडिया पर काफी आक्रामक दिखाई दे रही। हाल ही में उक्त हत्याकांड को लेकर वर्दीधारियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करते हुए फोटो सोशल साइट पर वायरल की थी। जिले में एक बार फिर पुलिसकर्मियों की हाथ पर काली पट्टी लगी तस्वीरें वायरल हो रही है, बस वजह अलग है। हैरत की बात ये है के पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शन जब कर रहे थे उस समय एडीजी राजीव कृष्ण जिले में त्योहारों को लेकर समीक्षा बैठ कर रहे थे।
खाना
खाने
मेस
नहीं
पहुंचे
थे
पुलिस
अधिकारी
मामला
गुरुवार
का
बताया
जा
रहा
है,
पुलिसकर्मी
सुबह
खाना
खाने
मेस
पहुंचे
थे
पर
यहां
कोई
पुलिस
का
अधिकारी
मौजूद
नहीं
था।
इस
बात
से
नाराज
सिपाही
विरोध
करने
लगे,
ये
सभी
सिपाही
एक
ही
दर्जे
के
थे।
इन्होनें
अपना
विरोध
दर्ज
कराने
के
लिए
हाथों
में
हैंडबिल
ले
रखे
थे।
जिस
पर
''वेतन
विसंगतियां
दूर
हो,
बॉर्डर
स्कीम
रद्द
हो,
1861
पुलिस
ऐक्ट
में
संशोधन
किया
जाए,
पेंशन
बहाल
की
जाएं
आदि
स्लोगन
में
लिखे
गए
थे।
इसके
अलावा
इसमें
ये
भी
लिखा
गया
यह
था
कि
इस
विरोध
का
विवेक
हत्याकांड
से
कोई
लेना-देना
नहीं
है।
महत्वपूर्ण
बात
ये
कि
बांह
में
काली
पट्टी
बांधकर
सरकारी
नीति
पर
विरोध
दर्ज
करा
रहे
पुलिस
कर्मियों
ने
अपनी
पहचान
छिपाने
के
लिए
कागज
में
लिखे
स्लोगन
से
मुंह
को
ढ़क
रखा
था।
और
बाद
में
इस
फोटो
को
सोशल
मीडिया
पर
अपलोड
भी
किया।
विभागीय
बातों
को
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
करना
उचित
नहीं:
ADG
हैरान
करने
वाली
बात
ये
है
के
पुलिस
कर्मियों
ने
प्रदर्शन
तब
किया
जब
अपर
पुलिस
महानिदेशक
(एडीजी)
राजीव
कृष्ण
जिले
में
त्योहारों
को
लेकर
समीक्षा
बैठ
कर
रहे
थे।
मामला
जब
उनके
संज्ञान
में
आया
तो
उन्होंने
सिपाहियों
की
समस्या
पर
संजीदगी
से
ध्यान
देने
के
लिए
पुलिस
अधीक्षक
अनुराग
वत्स
और
डीआईजी
को
विभागीय
समस्याओं
के
निदान
में
संवेदनशीलता
बरतने
को
कहा।
उन्होंने
सिपाही,
हेड
कांस्टेबल
समेत
अन्य
पदों
पर
तैनात
लोगों
से
सोशल
मीडिया
से
बचने
का
आह्वान
किया।
उन्होंने
कहा
कि
विभागीय
अफसरों
की
तरफ
से
सुनवाई
नहीं
करने
पर
ही
ऐसे
कदम
उठाए
जाने
चाहिए।
एडीजी
ने
कहा
कि
विभागीय
बातों
को
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
करना
कतई
उचित
नहीं
है।
उन्होंने
कहा
कि
अफसरों
पर
दबाव
बनाने
के
लिए
जो
लोग
सोशल
मीडिया
का
सहारा
लेते
हैं
उन
सिपाहियों
पर
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
भी
की
जाएगी।
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