यूपी: विहिप का दावा राम मंदिर का शुरू हो चुका है निर्माण, आयोध्या में तराशे जा रहे हैं पत्थर
अयोध्या। यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर चलाई जा रही कार्यशाला में पत्थरों को तराशने का काम शुरू हो चुका है। यह दावा विश्व हिंदू परिषद ने किया है। परिषद का कहना है कि राजस्थान से 70 हजार घनफुट पत्थर मंगवाए गए हैं। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के आदेश के बाद ही ये पत्थर मंगवाए जा रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद ने दावा किया कि राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक कुल सवा लाख घनफुट पत्थरों को तराशा जा चुका है। इसी कड़ी में राजस्थान से मंगवाए गए पत्थरों को तराशा जाना अभी बाकी है। परिषद ने बताया राम मंदिर निर्माण में लगने वाले प्रथम तल के पत्थरों को तराशा जा चुका है और दूसरी मंजिल के पत्थरों को तराशे जाने का काम शुरू हो चुका है।
पुरातन शैली के आधार पर बनेगा मंदिर
आपको बता दें कि पत्थरों को तराशने का काम मुख्य कारीगर रजनीकांत सोमपुरा कर रहे हैं। इस कारीगर द्वारा सारे पत्थरों को पुरातन शैली के हिसाब से ही तराशा जा रहा है जिन्हें बिना सीमेंट और खांचे के जोड़ा जाता था। इसके पीछे मुख्य वजह यह है कि जब राम मंदिर बनवाना होगा तो सीमेंट और खांचों पर मेहनत खर्च करने की जरूरत नहीं होगी सिर्फ पत्थरों पर ही मशक्कत करनी होगी।
अशोक सिंघल ने तैयार किया था मंदिर का मॉडल
विहिप के अनुसार सुप्रीमों स्वर्गीय अशोक सिंघल की अगुवाई में राम मंदिर के तैयार हुए मॉडल के अनुसार मंदिर 268 फुट लंबा,140 फुट चौड़ा तथा शिखर 128 फुट ऊंचा होगा। यह मंदिर दो मंजिला होगी। मंदिर के हर तल पर 106 खंभे होंगे। भूतल पर लगे खंभे 16.5 फुट लंबे, खंभों के ऊपर 3 फुट मोटे पत्थर का बीम, उसके ऊपर एक फुट मोटी पत्थर की छत होगी। ऊपरी मंजिल के खंभों की अगर बात करें तो वे 14.5 फुट ऊंचे होंगे, फिर उसके ऊपर बीम और छत प्रथम तल की तरह होंगे।
करोड़ों हिंदुओं की है यह मांग- वीएचपी
विहिप ने बताया कि इन सभी तलों के ऊपर शिखर बनेगा। बात अगर मंदिर के दीवारों की करें तो यह 6 फुट मोटे पत्थरों से बना होगा। इसमे सफेद संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। हर एक खंभे में 16 मूर्तिया होंगी। मंदिर के अगले भाग में सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप और गर्भगृह बनेगा। इसी गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। राममंदिर निर्माण शीघ्र हो, यह करोड़ों हिंदुओं सहित संत समाज की मंशा है। हमने तैयारी शुरू कर दी है। मंदिर के भूतल एवं गर्भगृह का निर्माण पूरा हो चुका है। 70 हजार घनफुट पत्थरों की और जरूरत है, जो राजस्थान से मंगाए जा रहे हैं। शीघ्र ही रामजन्मभूमि न्यास की बैठक होने वाली है, इसमें पत्थर तराशी के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ाने पर विचार होगा।
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