बीटीसी पेपर लीक: एसटीएफ ने इलाहाबद से दो प्रिंटिंग प्रेस के मालिक को किया गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) का प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले में शनिवार को दो लोगों को इलाहाबाद में गिरफ्तार किया। बीटीसी के चतुर्थ सेमेस्टर के लीक हुए पेपर के मामले में भारी दबाव में पुलिस ने खुलासा शनिवार को कर दिया। इस मामले में प्रिटिंग प्रेस के दो मालिकों को एसटीएफ व क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। गिरफ्तार आरोपितों के ही प्रेस में प्रश्न पत्र छपे थे। पुलिस का दावा है कि प्रश्न पत्रों का सही रखरखाव व सुरक्षा के इंतजाम सही न होने पर पेपर लीक हुए हैं। हालांकि, सरकार ने निरस्त की गई परीक्षा की नई तारीखों की घोषणा कर दी है। बीटीसी 2015 बैच के चौथे सेमेस्टर की निरस्त की गई परीक्षा अब 1 से तीन नवंबर तक होगी।
शनिवार को एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि बीटीसी के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आठ अक्टूबर होनी से थी। सात अक्टूबर की दोपहर को बीटीसी के सभी आठ प्रश्न पत्र लीक हो गए थे। ये प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गए थे। इसके बाद डीआईओएस सत्येंद्र कुमार सिंह ने जांच की तो पेपर लीक की पुष्टि हुई। इसके बाद सदर कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। पेपर लीक होने के बाद पूरे प्रदेश की परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस पर कार्रवाई करने का खासा दबाव बना रखा था। मामले की जांच एसटीएफ के साथ क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। दोनों टीमों ने इस मामले में दीप्ति इंटर प्राइजेज के मालिक आशीष अग्रवाल निवासी बलरामपुर हाउस, कर्नलगंज, इलाहाबाद और अरविंद भार्गत निवासी बाई का बाग, कीडगंज, इलााबाद को गिरफ्तार किया है।
एसपी ने बताया कि दीप्ति इंटर प्राइजेज में बीटीसी के प्रश्न पत्र छपे थे। यहीं से संबंधित सेंटरों को पेपर भेजा जाता है। दोनों टीमों ने प्रेस की जांच की तो तमाम लापरवाही सामने आई। प्रश्न पत्रों की छपाई के दौरान गोपनीयता नहीं रखी गई थी, न ही सुरक्षा के कोई इंतजाम थे। इसके आरोप में दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। दोनों को पुलिस ने डॉ. एएच रिजवी कॉलेज के पास से गिरफ्तार किया है।
ये भी पढ़ें- रायबरेली में ट्रेन हादसे के बाद एक और बड़ा हादसा, सड़क दुर्घटना में 7 की मौत, 35 घायल