श्री श्री रविशंकर ने राम मंदिर वाले बयान पर दी सफाई, कहा- 'वह धमकी नहीं है, वो चेतावनी है'
बरेली। राम मंदिर विवाद को अदालत के बाहर आपसी बातचीत से हल करने के लिए प्रयास कर रहे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर द्वारा सोमवार को दिए गए बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। अब अपने बयान पर सफाई देते हुए रविशंकर ने कहा है कि, वह धमकी नहीं है, वो चेतावनी है। मैं सपने में भी नहीं सोच सकता रि मैं किसी को धमकी दूं। जो हमने कहा कि हमारे देश में ऐसी हिंसा नहीं चाहिए जैसी मिडिल ईस्ट में हो रही है। इससे हमें डर लगता है।'
आपको बता दें कि सोमवार को एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा था, 'यह मामला नहीं सुलझा तो देश सीरिया बन जाएगा। अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है और उन्हें इस धार्मिक स्थल पर अपना दावा छोड़ कर मिसाल पेश करनी चाहिए।'
विवाद सुलझाने के लिए वे मुस्लिम नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। मंगलवार को वह बरेली पहुंचे। वह आला हजरत की दरगाह पर भी गए। ऐसा माना रहा है कि वह बरेली में मौलान तौकीर रजा से मुलाकात कर सकते हैं। रविशंकर के इस बयान के बाद राजनीतिक दलों ने उनकी जमकर आलोचना की है। जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि श्री श्री रवि शंकर को ऐसे उत्तेजक बयान देने से बचना चाहिए।
वहीं एनसीपी नेता मजिद मेनन ने कहा कि, 'रविशंकर जी का बयान सुनकर मैं बहुत दुखी हुआ हूं। मैंने उम्मीद नहीं की थी कि वह एक ऐसा वक्तव्य दे सकते हैं जिससे हिंसा पैदा हो सकती है।' श्री श्री के बयान पर शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैयद वसीम रिजवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, सीरिया जैसी स्थिति यहां पैदा नहीं हो सकती है। यहां पर बहुत सेक्युलर मुसलमान और सेक्युलर हिंदू रहते हैं। अगर ये मामले जल्दी नहीं सुधरे तो हिंदू और मुसलमानों के बीच जो दरार पैदा हो रही है, वह गहरी खाई बन सकती है।