एसपी सुरेंद्र ने क्यों लिखा, 'रवीना तुमसे मुझे कुछ छिपाना होता तो अपना फोन लॉक रखता'
कानपुर। एसपी सुरेंद्र ने बुधवार को पारिवारिक कलह से तंग आकर जहर खा लिया था। 5 दिन लगातार चले इलाज के बाद रविवार को उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद परिजनों ने तरह-तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना था कि सुरेंद्र की पत्नी उन्हें परिजनों से और मां से बात नहीं करने देती थी। मिलने को भी मना करती थी। उन दोनों के बीच कई तरह की मिस अन्डरस्टैंडिंग आ गई थी, जिसे वह दूर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे लेकिन शायद वह विफल रहे और अंत में मौत को गले लगा लिया।
क्या छिपा रहे थे
उन्होंने सुसाइड नोट में प्रत्यक्ष रूप से किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। लेकिन उनके सुसाइड नोट में साफ झलक रहा है कि कोई ऐसी बात थी, कुछ हरकतें थीं जो वह रवीना की मां को बताना चाहते थे और उसी की उन्होंने रिकॉर्डिंग भी की थी। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था, उन्होंने किसी बात की रिकॉर्डिंग भी की लेकिन भेजा नहीं और यह बात डॉ. रवीना को पता चल गई जिसके बाद रवीना ने बखेड़ा खड़ा कर दिया।
हरसंभव कोशिश की रिश्ता बचाने को
उन्होंने लिखा कि वह चुप थे। लेकिन उस बात पर रवीना ने जमकर हंगामा मचाया और लड़ाई-झगड़ा किया। इसके बाद भी वह रिश्तों को बचाने के लिए वे चुप रहे। पूरे सुसाइड नोट से एक बात तो साफ है कि वह अपने दाम्पत्य जीवन को बचाने और पत्नी को खुद पर भरोसा दिलाने के लिए हर कोशिश में जुटे थे। खुद को सही साबित करने के लिए सुरेंद्र दास के पास शायद आत्महत्या के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचा था।
क्या लिखा था लेटर में
डियर रवीना, आईएम नॉट लॉयर... जो रिकॉर्डिंग किया था वह आपकी मां को ही भेजने के लिए किया था, फिर बाद में लगा कि नहीं भेजना चाहिए। कुछ हाइड (छिपाना) होता तो मोबाइल ऐसे कभी नहीं छोड़ता। मैं साइलेंट... (चुप) इसलिए था क्यों कि मुझे सुसाइडल थॉट्स (आत्महत्या के विचार) आ रहे थे। आई रियली लव यू। तुम फॉलोवर विजय व चंद्रभान से पूछ सकती हो। मैंने उनसे सल्फास चूहे मारने के नाम पर लाने के लिए बोला। कुछ दिन पहले ब्लेड लाने के लिए भी बोला था। आई एम नॉट प्लानिंग अगेंस्ट यू (तुम्हारे खिलाफ कोई योजना नहीं बनाई)। आई डिड गूगल सर्च टू, नाऊ कमिट सुसाइड। जिस...से भी पूछ सकती हो। उसे भी मेरी इस प्लानिंग (सुसाइड) को लेकर संदेह था। आई लव यू, सॉरी फॉर एवरीथिंग...सुरेंद्र।