इलाहाबाद में 600 'लापता' पुलिसकर्मी हर महीने सरकार से पा रहे वेतन
इलाहाबाद। यूपी का इलाहाबाद शहर बीते कुछ महीनों से क्राइम को लेकर पूरे सूबे में सबसे ऊपर पहुंच गया है और पुलिसिंग पर सवाल उठने के साथ नेतृत्व को लेकर खूब हो हल्ला मचा हुआ है। लेकिन, जरा सोचिये कि अगर हर थाने से लगभग 15 सिपाही गायब हो और पूरे जिले में 600 सिपाहियों का कुछ पता न हो तो कानून व्यवस्था का क्या होगा? दरअसल इस सवाल के पीछे इलाहाबाद पुलिस की वह जांच रिपोर्ट है जिसके आने के बाद महकमे में भूचाल आया हुआ है।
यहां इलाहाबाद में 600 सिपाहियों का कोई पता नहीं है। यानी वह किस थाने में तैनात हैं, वह क्या कर रहे हैं, उनकी ड्यूटी कहां हैं, किसी को कुछ नहीं पता है और यह खुद पुलिस डिपार्टमेंट की जांच रिपोर्ट में सामने आया है। यानी बिना सिपाही की बीट पर मुस्तैदी है, शाम को गश्त हो रही है, रात में पेट्रोलिंग भी सिपाही कर रहे हैं लेकिन, हकीकत में डिपार्टमेंट को ही नहीं पता कि उनके सिपाही आखिर किस जगह और क्यों ड्यूटी कर रहे हैं। मजेदार बात यह है कि सिपाहियों का कोई पता नहीं है, लेकिन उन्हे तनख्वाह देने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। यानी हर महीने उनकी तनख्वाह रिलीज की जा रही है।
सॉफ्टवेयर
ने
खोली
पोल
इलाहाबाद
के
नये
एसएसपी
नितिन
तिवारी
ने
इस
समय
जिले
का
पूरा
सिस्टम
ऑनलाइन
करा
दिया
है
और
अब
नये
सॉफ्टवेयर
में
पुलिसकर्मी
का
पूरा
रिकार्ड
और
तैनाती
का
डाटा
फीड
हो
रहा
है।
सॉफ्टवेयर
पर
नाम
चढ़ाने
के
दौरान
600
ऐसे
सिपाही
मिले
जिनकी
पोस्टिंग
का
जिक्र
ही
नहीं
है,
लेकिन
उनकी
तनख्वाह
हर
महीने
रिलीज
हो
रही
है।
सॉफ्टवेयर
ने
इस
अजीबोगरीब
धांधली
की
पोल
खोली
तो
हड़कंप
मच
गया।
अब
अधिकारी
जवाब
नहीं
दे
पा
रहे
हैं
कि
आखिर
कई
सालों
से
ऐसा
लगातार
कैसे
हो
सकता
है
?
ट्रेजरी
में
600
पुलिसकर्मी
ज्यादा
एसएसपी
नितिन
तिवारी
के
अनुसार,
इलाहाबाद
में
तैनात
कुल
सिपाहियों
की
जितनी
संख्या
पोस्टिंग
के
अनुसार
है,
उससे
600
ज्यादा
लोगों
का
तनख्वाह
ट्रेजरी
हर
महीने
जारी
हो
रही
है।
ट्रेजरी
और
जिले
में
तैनात
पुलिसकर्मियों
की
लिस्ट
के
मिलान
के
बाद
अब
ऐसे
पुलिसकर्मियों
की
तनख्वाह
रोक
दी
गई
है
और
इनके
विरुद्ध
जांच
की
जा
रही
है।
फिलहाल
ये
अता-पता-लापता
पुलिसकर्मी
अगर
थानों
में
लौट
आते
हैं
तो
इलाहाबाद
के
हर
थाने
पर
करीब
15
पुलिसकर्मियों
बढ़
जायेंगे।
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