शिवपाल सिंह यादव की इन बातों में छलका समाजवादी पार्टी से अलग होने का दर्द
लखनऊ। रविवार को शिवपाल यादव ने राजधानी लखनऊ में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान शिवपाल यादव का एक बार फिर दर्द झलक पड़ा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बिना कुछ किए नाम कमाना चाहते हैं और दुर्भाग्य से उन्हें बिना संघर्ष के नाम और पद मिल रहा है। दरअसल, शिवपाल एक सम्मान समारोह कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस असवर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 13 लोगों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद को भी सम्मानित किया गया।
परिवर्तन लाने के लिए करना पड़ता है संघर्ष
कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए शिवपाल का समाजवादी पार्टी से अलग होने का दर्द भी झलका। उन्होंने कहा कि सपा में सम्मान न मिलने की वजह से आज वो अलग मोर्चा बना कर शोषितों और वंचितों की आवाज बुलंद करने का बीड़ा उठाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में परिवर्तन ले आने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। शिवपाल ने महात्मा गांधी, लोहिया और जयप्रकाश नारायण का उदाहरण भी दिया और कहा कि इन ये महान लोग अपने काम और संघर्षों से आज दूसरे के लिए आदर्श बने हुए हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे हैं जिनको बिना कुछ किए नाम और पद मिल रहा है। वो समाज में बिना कुछ किए प्रसिद्धि पाना चाहते हैं।
नेती जी करेंगे आगे का फैसला: शिवपाल
शिवपाल यादव अपने भतीजे अखिलेश को 2019 के चुनाव में पटकनी देने के लिए तैयारी कर रहे हैं। एक तरफ जहां वो पुराने समाजवादियों को अपने मोर्चे से जोड़ने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ वो सामाजिक कार्यक्रमो में भी शिरकत कर अपना जनाधार भी बढ़ा रहे है। वहीं, अखिलेश और मुलायम के एक मंच पर आने वाले घटनाक्रम पर उन्होंने कहा कि नेता जी का मुझे पूरा आशीर्वाद है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें अभी थोड़ा और इंतेजार करना होगा आगे का फैसला नेता जी ही करेंगे।
अखिलेश के मंच पर दिखे मुलायम
समाजवादी पार्टी की साईकिल यात्रा का दिल्ली में समापन हो गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस मौके पर एक साथ नजर आए। दोनों के एक साथ दिखाई देने से एक बात तो साफ हो गई और वो ये कि मुलायम, अखिलेश के साथ हैं। पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी से उम्मीदवार बनाया है और राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का भी प्रस्ताव रखा है। शिवपाल सिंह ने तो मुलायम सिंह यादव को पार्टी के झंडे पर भी जगह दी थी, लेकिन अब जब मुलायम सिंह ने अखिलेश के साथ मंच साझा कर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है तो अब देखना ये होगा कि शिवपाल आगे क्या करेंगे।