कोटखाई मामले में हाईकोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, निदेशक को किया तलब
शिमला। हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित कोटखाई गैंगरेप मर्डर केस में असली कातिलों का पता लगाने में देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई अभी तक नाकाम ही है। बुधवार को हिमाचल हाईकोर्ट में जांच एजेंसी ने अपनी आठवीं स्टेटस रिर्पोट पेश की तो अदालत ने सीबीआई के रवैये पर नाखुशी जाहिर करते हुए जांच एजेंसी को कहा कि अगर आप जांच नहीं कर सकते तो बता दें, अदालत किसी दूसरी एजेंसी से जांच करवाएगी। अदालत ने हैरानी जताई कि आठ माह बाद भी जांच अधूरी है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल तय की है साथ ही सीबीआई के निदेशक को भी तलब किया है।
बताया जा रहा है कि इस सीबीआई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई को कोटखाई मामले में जांच करते हुए आठ महीने हो चुके हैं। इस मामले में वह अब तक 8वीं स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर चुकी है। पिछले साल 2 अगस्त 2017 को उन्होंने अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी। कोटखाई गेंगरेप मर्डर केस के आरोपी सूरज की हवालात में हत्या के मामले में फंसे नौ पुलिस वालों को आज भी अदालत से कोई राहत नहीं मिली। अदालत ने उनकी ज्यूडीशियल रिमांड बढ़ा दी है। लिहाजा अब उन्हें अगले माह की छह तारीख तक जेल में ही रहना होगा। इसी केस से दूसरे मामले में बीते सप्ताह कोटखाई सूरज हत्याकांड मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। कोर्ट में नेगी की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। उनकी जमानत याचिका पर की सुनवाई की तारीख 6 अप्रैल तक टाल दी गई है। बताया जाता है कि इससे पहले भी पूर्व एसपी नेगी की सुनवाई 23 मार्च तक के लिए टल दी गई थी। उल्लेखनीय है कि लॉकअप में सूरज की हत्या मामले में पूर्व एसपी नेगी समेत कुल 8 पुलिसकर्मी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।
गौरतलब है कि कोटखाई गैंगरेप केस की जांच के लिए गठित एस.आई.टी. ने पिछले वर्ष 12 जुलाई को 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इसी कड़ी में 18 जुलाई की रात कोटखाई थाने की लॉकअप में पकड़े गए एक कथित आरोपी सूरज की मौत हो गई थी। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई। इसी कड़ी में सी.बी.आई. ने बीते वर्ष 29 अगस्त को जैदी और जोशी समेत 8 पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद शिमला जिला के पूर्व एस.पी. डी.डब्ल्यू. नेगी को बीते वर्ष 16 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया। सी.बी.आई. जांच में सामने आया है कि लॉकअप मामले में एस.आई.टी. ने झूठा केस बनाया और गिरफ्तार एक आरोपी पर ही सूरज की मौत का ठीकरा फोड़ दिया। जांच एजेंसी सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
दरअसल, पिछले साल 4 जुलाई को स्कूल से घर वापस लौटते समय कोटखाई की स्कूली छात्रा अचानक लापता हो गई थी। 6 जुलाई की सुबह उसका शव दांदी जंगल में पड़ा मिला। गुडिया प्रकरण में सबसे पहले पुलिस ने जांच अमल में लाई थी। इसके बाद यह मामला एस.आई.टी. को सौंपा गया। इसके बाद एस.आई.टी. ने मामला सुलझाने का दावा करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इसी बीच यह केस सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिया गया, लेकिन उससे पहले पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की हत्या हो गई, ऐसे में सी.बी.आई. ने बीते 22 जुलाई को कोटखाई मर्डर और रेप केस तथा पुलिस लॉकअप हत्याकांड को लेकर अलग-अलग मामले दर्ज किए। गुड़िया मर्डर और रेप केस में अभी तक सी.बी.आई. कोई नई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।
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