Deoria Shelter Home Case: लड़कियों से कार्यक्रम में जबरन डांस करवाया जाता था, नौकरों की तरह होता था बर्ताव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित बालिका बाल गृह के भीतर चल रहे गोरखधंधे का जैसे-जैसे पर्दाफाश हो रहा है वैसे-वैसे यहां से शर्मसार करने वाली जानकारियां भी सामने आ रही है। बाल गृह से कुल 24 लड़कियों को छुड़ाया गया है, जबकि कई लड़कियां अभी भी गायब हैं जिनका नाम बाल गृह के रजिस्टर में दर्ज है। इस मामले में जो ताजा जानकारी सामने आई है उसके अनुसार शेल्टर हाउस का प्रशासनिक अधिकारियों से भी तार जुड़ा हुआ था। जिन अधिकारियों पर खुद इस बात की जिम्मेदारी थी कि वह यहां रह रही लड़कियों को बेहर सुविधा मुहैया कराएं और उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार दिलाएं उन्ही पर आरोप है कि उन्होंने गिरिजादेवी के इस कुकृत्य में उनका साथ दिया।
कई संपत्ति बनाई
सुगर मिल में काम करने वाले मोहन त्रिपाठी की पत्नी गिरिजा देवी ने कुल तीन शेल्टर हाउस यूपी में खोले थे, जोकि देवरिया और गोरखपुर में 2009 में खोले गए थे। आरोप है कि गिरिजा देवी के नाम पर कई संपत्ति है और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बेहतर सांठगांठ के चलते प्रदेश में कई शेल्टर हाउस खोले थे। वर्ष 2017 में सीबीआई ने गिरिजा देवी के शेल्टर हाउस को बंद किए जाने का आदेश दिया था। लेकिन सीबीआई के आदेश के बाद भी गिरिजा देवी राज्य सरकार से इस आदेश के खिलाफ पत्र लेकर आईं और पुलिस लड़कियों को उनके शेल्टर हाउस में भेजती रही।
अधिकारियों की मिलीभगत!
देवरिया स्थित शेल्टर हाउस का लाइसेंस 2017 में ही खत्म हो गया था, बावजूद इसके प्रशासन में अच्छी पैठ के चलते गिरिजा देवी की संस्था को प्रशासन ने समूह विवाह के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की अनुमति दी, जिसे खुद राज्य सरकार ने इस वर्ष फरवरी माह में आयोजित कराया था। गिरिजा देवी को उनके राजनीतिक पहुंच के लिए जाना जाता है। 31 जुलाई को उन्होंने अपने स्टाफ के साथ मिलकर जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार के साथ अभद्रता की थी, जब वो शेल्टर हाउस में गायब लड़कियों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए गए थे।
सेक्स रैकेट चलाने का आरोप
जिसके बाद 5 अगस्त को शेल्टर हाउस के भीतर से एक लड़ीक भागने में सफल हुई और उसने पुलिस स्टेशन पहुंचकर आरोप लगाया कि गिरिजा देवी यहां सेक्स रैकेट चलाती हैं और शेल्टर हाउस के भीतर रह रही लड़कियों को नौकर की तरह रखा जाता है। जिसके बाद पुलिस ने गिरिजा देवी और उनके पति को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद पुलिस ने शेल्टर होम से सभी 24 लड़कियों को छुड़ा लिया था।
अधिकारियों से थी सांठगांठ
जिला बाल कल्याण कमेटी के अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि शेल्टर होम से सात नवजात बच्चे भी गायब हैं, जब हमारी टीम यहां पहुंची तो गिरिजा देवी ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर हमपर हमलाल कर दिया और हमे शेल्टर होम के भीतर घुसने नहीं दिया। यह बात भी निकलकर सामने आई है कि गिरिजा देवी ने कई पूर्व डीएम सुजीत कुमार और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ के आदेश पर सुजीत कुमार का नाम भी चार्जशीट में शामिल कर लिया है।
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कार्यक्रम में खाना बनवाया और बर्तन मंजवाया जाता था
शेल्टर हाउस खोलने से पहले गिरिजा देवी अपने पति के साथ देवरिया के नुनखर गांव में रहती थीं, यहां के लोगों का कहना है कि शेल्टर होम से लड़कियों को यहां कार्यक्रम के दौरान लाया जाता था और उनसे नौकरों की तरह काम कराया जाता था। गांव की पूर्व प्रधान ने बताया कि गिरिजा देवी गिरिजा देवी गांव में शादी या अन्य कार्यक्रमों के दौरान कार से आया करती थीं और अपने साथ लड़कियों को लाया करती थीं और उनसे जबरन यहां खाना बनवाया जाता था, बर्तन मंजवाया जाता था।
जबरन डांस करवाया जाता था
गांव के ही एक और पड़ोसी ने बताया कि कुछ साल पहले गिरिजा देवी के परिवार में एक कार्यक्रम हुआ था जहां शेल्टर होम से लाई गई लड़कियों से कार्यक्रम में डांस कराया गया था। गिरिजा देवी के शेल्टर होम के करीब रह रहे लोगों का कहना है कि यहां अक्सर शाम को लोग कार से आते थे। जो लड़की शेल्टर होम से भागने में सफल हुई थी उसने भी यह कहा था कि यहां कार से हर रोज लोग आते थे और लड़कियों को अपने साथ ले जाया करते थे।
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