मां-बाप की मौत के बाद फीस देने में हुई देरी, प्रिंसिपल ने मासूम के पैरों में डाल दीं जंजीरें
कन्नौज। कन्नौज के उमर्दा ब्लाक क्षेत्र में स्थित आवासीय निजी विद्यालय में फीस न देने पर एक बच्चे को बंधक बना लिया गया। पुलिस के सुनवाई न करने पर संपूर्ण समाधान दिवस में बच्चे के ताऊ ने डीएम व एसपी से शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू की गई है। बच्चे का कुसूर सिर्फ इतना था कि उसकी फीस समय से जमा नहीं हो पाई थी जिसकी वजह से स्कूल प्रशासन में बच्चे को ही स्कूल के गेट से बेड़ियों में जकड़ दिया।
मामला इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के बद्धापुर्वा गांव का है जहां के रहने वाले श्रीकृष्ण ने बताया कि उनके भाई व उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है। 11 वर्षीय भतीजा आकाश कुमार के भरण-पोषण का जिम्मा उनके पास है। अनाथ बच्चे को उमर्दा स्थित संत जय किशन लाल आवासीय विद्यालय में भर्ती करा दिया। स्कूल के प्रबंधक व जिला पंचायत सदस्य सुरजीत यादव ने दाखिला करते वक्त दस हजार रुपये वार्षिक फीस पर उसे पढ़ाने का भरोसा देकर दाखिला कर लिया। इसके कुछ दिन बाद 23 हजार रुपये और मांगने लगे। रुपये न देने पर आकाश को बंधक बनाकर मजदूरी कराने की धमकी दी। साथ में बच्चे को कमरे में बंद कर उनको मिलने नहीं दिया गया।
मामले की जानकारी चौकी पुलिस को दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर डीएम व एसपी से शिकायत दर्ज कराई। स्कूल में बच्चे के बंधक होने की बात सुन अफसरों के होश उड़ गए। डीएम रवींद्र कुमार के निर्देश पर पहुंची पुलिस ने विद्यालय पहुंच बच्चे को श्री कृष्ण के सुपुर्द कर दिया। इस पर पुलिस ने उसी समय जांच कर उसे फटकार भी लगाई। पुलिस ने परिजनों की सुपुर्दगी में बच्चे को दे दिया है। स्कूल से भगाए जाने के बाद श्रीकृष्ण अपनी फरियाद लेकर चौकी पुलिस के पास पहुंचा, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नही की। जिसके बाद पीड़ित ने न्याय के लिए जनता दरबार का दरवाजा खटखटाया और डीएम रवीन्द्र कुमार से बच्चा छुड़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। डीएम ने पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस को बच्चा छुड़ाने और बंधक बनाने वाले संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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