योगी की मंत्री के इंतजार में स्कूली बच्चे भूख-प्यास से बिलखते रहे, अंधेरे में घर लौटने को हुए मजबूर
बहराइच। रात्रि प्रवास के साथ समरसता दलित भोज को लेकर समूचे उत्तर प्रदेश से तरह-तरह की बातें उभर कर सामने आने लगीं हैं। दलित भोज पर अब बीजेपी में भी अंदरूनी बगावती बयानबाजी शरू हो चुकी है। रात्रि प्रवास के दौरान कोई होटल से खाना मंगाकर खा रहा है तो कोई नए बर्तन के साथ बिस्लेरी पानी का इस्तेमाल कर रहा है लेकिन इन सब तरीकों से हटकर यूपी की मंत्री अनुपमा जायसवाल के कार्यक्रम में जो हुआ, उसे जानकर हैरान रह जाएंगे।
जनपद बहराइच में बेसिक शिक्षा मंत्री की रात्रि प्रवास के दौरान कार्यक्रम में भीड़ ज्यादा दिखे इसके लिए स्थानीय अधिकारियों ने घंटों पूर्व स्कूली बच्चों को ही बुलवा लिया। टीचर के आदेश पर पहुंचे बच्चे भूखे-प्यासे घंटों कार्यक्रम में भीड़ का हिस्सा बने रहे पर उन्हें कोई पानी तक नहीं पूछा।
रात 8 बजे तक जब मंत्री जी नहीं पहुचीं तो भूख-प्यास से बैठे बच्चों का सब्र का बांध टूट पड़ा और वो अंधेरे में घर जाने को विवश हो गए। ऐसा तब है जब यूपी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों से बालिकाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। बालिका अपने भाई को रोते देख उसे घर ले जाने के लिए रात के अंधेरे में निकल पड़ी।
कार्यक्रम स्थल से 500 मीटर की दूरी पर अंधेरे में बच्ची, बिलखते भाई को घर ले जाते दिखी तो मीडिया कर्मियों ने रोक कर जब बच्चों से रोने बिलखने और अंधेरे में सुनसान रास्ते पर जाने का कारण पूछा तो माजरा साफ हुआ कि मंत्री जी के कार्यक्रम के लिए आयोजकों द्वारा बच्चों को तो बुलवा लिया गया लेकिन ये कतई ख्याल नही रखा गया कि इन बच्चों के साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती थी।
रात्रि प्रवास के दौरान अनुपमा जायसवाल से जब ये पूछा गया कि भीड़ बढ़ाने के लिए स्कूली बच्चों का इस्तेमाल किया गया है और अंधेरी रात में बच्चे अकेले घर जाने को मजबूर हैं तो वो असहज दिखाई पड़ीं और अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि आखिर इस कार्यक्रम में बच्चों को क्यों बुलाया गया है? उन्होंने कहा कि अगर भीड़ बढ़ाने के लिए बच्चों को बुलाया गया है वो गलत है, जिसने भी बच्चों को बुलाकर बैठाया है वो जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री
ने
दी
मच्छर
बयान
पर
सफाई
दलितों
के
घर
मे
ज्यादा
मच्छर
होने
की
बात
पर
बेसिक
शिक्षा
मंत्री
अनुपमा
जायसवाल
ने
सफाई
देते
हुए
कहा
कि
हमारी
बातों
को
तोड़-मरोड़
कर
मीडिया
में
दिखाया
गया
है,
ये
हमारा
रूटीन
वर्क
है,
हम
बहुत
पहले
से
करते
चले
आ
रहे
हैं।
जिन
लोगों
को
ये
गलत
लगता
है,
जिन्होंने
काम
नहीं
किया
है
वो
प्रश्न
खड़ा
कर
देते
हैं।
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