यूपी के स्कूली बच्चों ने निकाला नशा करने का ये अनोखा तरीका, 25 रुपए में ऐसे कर रहे हैं नशा
आगरा। बच्चे कैसे नशा कर सकते हैं जिनके पास खाने को शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं ड्रग्स जैसे जहरीले पदर्थों भी न हो। लेकिन व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल की गंध और झंडु बाम का सेवन करके भी नशा किया जा सकता है, जो बेहद खतरनाक होते हैं। यूपी के ताजनगरी आगरा के गरीब तबके के मासूम बच्चों की जिंदगी आजकल 25 रुपये के एक ट्यूब ने बर्बाद कर रखी है। इस ट्यूब का इस्तेमाल गाड़ियों के पंचर चिपकाने(सुलोचन) के लिए इस्तेमाल होता है पर आसानी से दुकानों पर उपलब्ध यह सुलोचन ट्यूब बच्चों के नशे के लिए भी जमकर इस्तेमाल हो रहा है।
आगरा में गरीब तबके के मासूम आजकल सुलोचन के नशे का शिकार होकर अपना जीवन खत्म कर रहे हैं। मात्र 25 रुपये कीमत के ट्यूब के अंदर भरे सुलोचन को बच्चे आसानी से चार से पांच बार नशे के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं।इसके इस्तेमाल से बच्चे इसके आदी हो जाते हैं और गलत कामों जैसे चोरी आदि की ओर भी आकर्षित हो जाते हैं।
इसका लगातार सेवन करने से टीबी कैंसर आदि बीमारियां घेर लेती हैं और जानकारों की मानें तो इसका सेवन लगातार होने से शरीर बहुत कमजोर पड़ जाता है। कपड़े में लगाकर इसे सूंघने से तत्काल बच्चे नशे में हो जाते हैं। थाना न्यू आगरा के नगला बूढ़ी के वन विभाग आफिस के पास एक ग्यारह साल का मासूम ऐसे ही सुलोचन पीते दिखाई दिया।
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