खुलासा: आरोपी प्रशांत के पहुंचने के एक मिनट के अंदर ही हो गई थी विवेक तिवारी की हत्या
लखनऊ। विवेक तिवारी हत्याकांड की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। घटना कैसे हुई थी इसका एक बार फिर से रिक्रिएशन किया गया। इससे पता चला कि आरोपी प्रशांत के विवेक तिवारी के पास पहुंचने और उन्हें गोली लगने के बीच समय एक मिनट से कम का था। इससे यह बात साबित होती है कि विवेक और प्रशांत के बीच ज्यादा बातचीत नहीं हुई। इस हत्याकांड की जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई। रविवार को दोनों आरोपी से पूछताछ के बाद जेल भेज दिया। पुलिस ने दोनों को अलग-अलग कमरों में रखकर पूछताछ शुरु की। इस दौरान संदीप खुद को बेकसूर बताकर रोता रहा और अधिकारियों को पूरी घटना की जानकारी दे रहा था।
फिर से हुआ सीन रिक्रिएशन
आखिर घटना की रात क्या हुआ था इस बात को जानने के लिए पुलिस एक बार चश्मदीद सना के साथ घटनास्थल पर रिक्रएशन करा चुकी है। जिसके बाद एक बार फिर घटनास्थल पर सीन रिक्रिएशन कराया जा चुका। विवेक तिवारी की हत्या के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार देर रात आरोपी दोनों सिपाहियों के बयानों के आधार पर पूरी घटना का फिर से नाट्य रूपांतरण किया। इस दौरान आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी को जहां घटनास्थल से दूर एक गाड़ी में बिठाए रखा गया, वहीं नाट्य रूपांतरण के दौरान कई नए और चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए।
आरोपी फिर से घटनास्थल पर लाए गए
जिस वक्त वारदात हुई ठीक उसी वक्त सिपाहियों को घटनास्थल पर ले जाकर घटना का नाट्य रूपांतरण किया गया है। जानकारी के मुताबिक आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप को लेकर रात 1:50 बजे घटनास्थल एसआईटी की टीम पहुंची। जहां एक बार फिर से उस रात की घटना का नाट्य रुपांतरण दोहराया गया। हालांकि, चश्मदीद गवाह की मदद से इससे पहले भी एक बार सीन रिक्रिएट किया जा चुका है।
पीड़ित कल्पना को मिली नौकरी
कल्पना को मिली नौकरी लखनऊ नगर निगम में कल्पना तिवारी को योगी सरकार के निर्देश पर ओएसडी का पद विशेष तौर पर सृजित कर नौकरी दी गई है। बताया जा रहा है कि कल्पना तिवारी एक-दो दिन में अपने पद पर कार्यभार संभाल लेंगी। नगर निगम में ऑफिस सुपरिटेंडेंट दिनेश वर्मा ने बताया कि कल्पना को 56100 से 177500 रुपए पे बैंड का नियुक्ति पत्र दिया गया है।
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