हिमाचल प्रदेश: एससी-एसटी एक्टिविस्ट की गाड़ी से कुचलकर हत्या, पहिए ने खोला राज
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में एक दलित एक्टिविस्ट की गाड़ी से कुचल कर हत्या कर दी गई। हालांकि हत्यारों ने पहले पुलिस को दुर्घटना के मामले में ही उलझाए रखा। जब जांच आगे बढ़ी तो मामला कुछ और निकला व हत्या के आरोप में ऊंची जाति के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनमें एक पंचायत का उपप्रधान है।
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जांच की मांग पर अड़े एससी एसटी के लोग
दरअसल, सिरमौर जिला के शिलाई इलाके के बकरास में सड़क के बीच शुक्रवार दोपहर एक लाश मिली तो इलाके में हडकंप मच गया। उस समय यह बताया गया कि यह एक दुर्घटना है जिसमे कोई तेज रफ्तार वाहन कुचल कर चला गया है। पुलिस को मामले की सूचना दी गई तो मृतक की पहचान केदार सिंह जिंदान के रूप में हुई। उनकी मौत का समाचार जैसे ही इलाके में फैला बड़ी तादाद में दलित वहां जुट गए और पुलिस को मामले की पूरी जांच करने की मांग पर अड़ गए।
दलित शोषण मुद्दों पर कोर्ट में करते थे वकालत
40 वर्षीय केदार सिंह जिंदान शिमला में वकालत करते रहे और दलितों से शोषण और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने दलितों से शोषण, भ्रष्टाचार और बीपीएल सूचियों में गड़बड़ियों से जुड़े कई मामले उठाए हैं। केदार सिंह ने इस बार के विधानसभा चुनाव में शिलाई क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। उन पर पहले भी जानलेवा हमले हो चुके थे, लेकिन इस बार आखिरी साबित हुआ।
गाड़ी के पहिए ने किया मौत का खुलासा
घटनास्थल पर जुटाए गए सबूतों के आधार पर पुलिस दुर्घटना के एंगल पर जांच कर ही रही थी। तभी मौका ए वारदात से कुछ दूर शाम ढ़लते पुलिस को इलाके के उपप्रधान की स्कार्पियों गाड़ी खड़ी मिली व उसके टायरों में खून लगा था। पुलिस का शक गहराया तो बकरास पंचायत के उपप्रधान जयप्रकाश पुत्र सुरत सिंह निवासी भकरास व गोपाल सिंह पुत्र मोहर सिंह निवासी बकरास के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गाड़ी को भी कब्जे में ले लिया है।
इन धाराओं में मुकदमा दर्ज
सिरमौर के एसपी रोहित मालपानी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आई.पी.सी की धारा 302 ए व 34 के तहत मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि स्कार्पियो गाड़ी से केदार सिंह जिंदान को कुचला गया है, वह उपप्रधान के नाम पर पंजीकृत है। साथ ही स्कार्पियों गाड़ी पर खून के कुछ निशान भी पुलिस को मिले हैं। मृतक केदार सिंह जिंदान ने कुछ समय पहले उपप्रधान के खिलाफ दलित एट्रोसिटी का मुकदमा भी दर्ज करवाया था। ऐसे में पुरानी रंजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बीपीएल सूची में अपात्र लोगों की जांच का मुद्दा भी जिंदान ने उठाया था। एएसपी विरेंद्र ठाकुर बकरास में ही मामले की गहनता से जांच में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।