खेत में हल चलाते समय मिली थी शिव-पार्वती की 'अनोखी' मूर्ति, दूसरी काशी के नाम से प्रसिद्ध है शिवद्वार धाम
सोनभद्र। सोनभद्र जिले के शिवद्वार धाम में स्थापित उमामहेश्वर की अप्रतिम मूर्ति के संबंध में ऐसी मान्यता है कि 19वीं सदी के चौथे दशक में खेत में हल चलाते समय गांव के मोती महतों नामक किसान को सतद्वारी गांव में प्रसिद्ध उमामहेश्वर की अप्रतिम मृर्ति मिली थी। गांव के जमींदार परिवार की बहुरिया अविनाश कुवरि द्वारा शिवद्वार मंदिर का निर्माण कराया। वर्ष 1938 में मृर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी। कालान्तर में ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती द्वारा मंदिर का सुन्दरीकरण एवं मंदिर परिसर में ज्योतिर्लिंग की स्थापना कराई गई थी।
सृजन
मुद्रा
में
रखी
है
शिव
पार्वती
की
मूर्ति
शिव
द्वार
मंदिर
यूपी
के
सोनभद्र
जिले
के
रॉबर्ट्सगंज
के
पश्चिम
में
40
किमी.
दूर,
शिवद्वार
रोड़
पर
घोरवाल
से
10
किमी.
की
दूरी
पर
स्थित
है।
यह
विशाल
मंदिर,
भगवान
शिव
और
उनकी
पत्नी
पार्वती
को
समर्पित
है।
इस
मंदिर
के
गर्भगृह
में
देवी
पार्वती
की
11
वीं
सदी
की
काले
पत्थर
की
मूर्ति
रखी
हुई
है।
यह
तीन
फुट
ऊंची
मूर्ति
सृजन
मुद्रा
में
रखी
हुई
है
जो
एक
रचनात्मक
मुद्रा
है।
यह
मंदिर
उस
काल
के
शिल्प
कौशल
के
बेहतरीन
नमूने
और
शानदार
कला
का
प्रदर्शन
करता
है।
यह
मंदिर,
मौद्रिक
मूल्य
के
संदर्भ
में
भी
बहुत
कीमती
है।
यह
मंदिर,
क्षेत्र
के
सबसे
प्रतिष्ठित
मंदिरों
में
से
एक
है।
इस
क्षेत्र
के
निवासी
इस
मंदिर
को
धार्मिक
महत्व
के
कारण
दूसरी
काशी
व
गुप्त
काशी
के
रूप
में
मानते
है।
इस
मंदिर
में
अन्य
देवी
-
देवताओं
की
काले
पत्थर
की
मूर्तियां
भी
रखी
हुई
हैं।
1986
में
शुरू
हुई
कांवड़
यात्रा,
पूर्वांचल
भर
से
आते
है
भक्त
प्रसिद्ध
शिवद्वार
धाम
में
कांवड़
यात्रा
आरंभ
वर्ष
1986
में
में
हुआ।
उस
समय
घोरावल
नगर
के
13
युवकों
द्वारा
मिर्जापुर
के
बरियाघाट
से
गंगाजल
लाकर
कांवर
यात्रा
की
शुरूआत
की
गई
थी।
वर्ष
1991
में
सोनभद्र
के
विजयगढ़
दुर्ग
से
कांवड़
यात्रा
प्रारम्भ
कराया
गया
था।
आज
लाखों
कांवड़ियों
के
लिए
शिवद्वार
धाम
आस्था
का
केन्द्र
बन
चुका
है।
पूरे
पूर्वांचल
से
शिवभक्त
कांवड़
लेकर
आते
हैं।
11
सीसी
टीवी
कैमरे
से
होगी
निगहबानी
शिवद्वार
धाम
मंदिर
परिसर
में
सुरक्षा
व्यवस्था
के
दृष्टिगत
11
सीसी
टीवी
कैमरे
लगाये
गये
है।
शिवद्वार
कांवरयात्रा
सकुशल
सम्पन्न
कराने
के
लिए
सात
स्थानों
पर
बैरिकेटिंग
कर
घेराबंदी
की
गई
है।
कोतवाल
मूलचंद
चौरसिया
ने
बताया
कि
शरारती
तत्वों
पर
निगाह
रखने
के
लिए
सादी
वर्दी
में
पुलिस
के
जवान
तथा
महिला
पुलिस
तैनात
रहेंगे।
मंदिर
परिसर
की
बैरिकेटिंग
के
साथ
ही
प्रमुख
स्थानों
तथा
मोड़पर
पुलिस
के
जवान
तैनात
रहेंगे।
100
डायल
तथा
पुलिस
के
जवान
बराबर
निगाह
रखेंगे।
आधा
दर्जन
थानाध्यक्ष
तथा
दो
सौ
पुलिस
के
जवान,
महिला
पुलिस,
यातायात
पुलिस
की
तैनाती
रहेगी।
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