बाबा सोमेश्वर महादेव : स्वयं चंद्रदेव ने की थी शिवलिंग की स्थापना
इलाहाबाद। प्रयाग की पवित्र भूमि पर गंगा पार करते ही अरैल क्षेत्र पड़ता है। अरैल क्षेत्र में गंगा किनारे भगवान सोमेश्वर नाथ का भव्य मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में बाबा सोमेश्वर महादेव के अलावा बाबा सिद्धनाथ महादेव, बाबा नर्मदेश्वर महादेव का भी सिद्ध पीठ मौजूद है। प्रतिदिन यहां हजारों लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और श्रद्धालुओं का भोर से देर रात तक तांता लगा रहता है। इस मंदिर की स्थापना को लेकर स्थानी पुजारी बताते हैं कि स्वयं भगवान चंद्र देव ने सोमेश्वर महादेव की स्थापना की थी। पहले यहां मंदिर मौजूद नहीं था, सिर्फ शिवलिंग स्थापित था। लगभग 600 साल पहले यहां छोटा सा चबूतरा बनाया गया और कालांतर में धीरे-धीरे यहां भव्य मंदिर का निर्माण हुआ जो अब अपने पूर्ण अस्तित्व में आ गया है।
कैसे
हुई
स्थापना
बाबा
सोमेश्वर
महादेव
की
स्थापना
किस
शताब्दी
में
हुई
इसका
ठीक
ठीक
अनुमान
नहीं
लगाया
जा
सका
है।
क्योंकि
इस
शिवलिंग
की
स्थापना
व
सोमेश्वर
महादेव
की
महिमा
का
बखान
ऋग्वेद
में
विस्तार
से
मिलता
है।
कहा
जाता
है
कि
पृथ्वी
पर
सोमेश्वर
महादेव
के
मंदिरों
की
स्थापना
स्वयं
चंद्रदेव
ने
करवाई
थी।
प्रयाग
में
सोमेश्वर
महादेव
का
मंदिर
लगभग
600
साल
पहले
जीर्णोद्धार
होना
शुरू
हुआ
था
और
एक
चबूतरे
से
यह
आज
मंदिर
में
बदल
चुका
है।
जनश्रुति है कि जब सागर तट पर बने बाबा सोमनाथ के मंदिर को मुगल आतंकियों द्वारा तोड़ा गया। उसके बाद ही भगवान चंद्र देव ने भारत भूमि पर मंदिरों के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया और वह धरती पर आए। इसके बाद उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में शिवलिंगों की स्थापना की, जिनमें से एक शिवलिंग प्रयाग में गंगा तट पर सोमेश्वर नाथ महादेव के रूप में स्थापित हुआ। जहां आज भव्य मंदिर बन चुका है।
मंदिर
का
आकर्षण
गंगा
के
समीप
सोमेश्वर
महादेव
शिवलिंग
स्वरुप
में
यहां
विराजमान
है।
इनके
सानिध्य
में
एक
छोटे
से
क्षत्रप
के
नीचे
नंदी
जी
बैठे
हुए
हैं।
परिसर
में
ही
दो
और
मंदिर
बने
हैं
इनमें
से
एक
मंदिर
बाबा
सिद्धनाथ
महादेव
का
है
और
उसके
ठीक
सामने
बाबा
नर्मदेश्वर
महादेव
विराजमान
हैं।
प्रत्येक
सोमवार
को
यहां
भक्तों
की
भीड़
इतनी
अधिक
बढ़
जाती
है
कि
मंदिर
में
तिल
रखने
को
भी
जगह
नहीं
मिलती
है।
कुंभ
अर्धकुंभ
जैसे
अवसरों
पर
यह
स्थल
प्रचंड
भीड़
से
भर
जाता
है।
लोगों
का
विश्वास
है
कि
यहां
पर
की
गई
मनोकामना
अवश्य
पूरी
होती
है
।