बाबा मुकुंदेश्वर महादेव: दर्शन से असाध्य रोग भी हो जाते हैं छूमंतर, लगती है रोगियों की भीड़
इलाहाबाद। आपने असाध्य रोगों से पीड़ित रोगियों को किसी बड़े डॉक्टर किसी बड़ी अस्पताल या देश विदेश में इलाज कराने जाते देखा या सुना होगा। लेकिन, तीर्थराज प्रयाग में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर है जहां दर्शन करने से असाध्य रोग धीरे-धीरे स्वयं ही छूमंतर हो जाते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं उस रोग को दूर करते हैं। यह मंदिर प्रयाग के बहादुरपुर इलाके में मौजूद हैं। एक समय यही से ही यमुना नदी बहती थी। गंगा जी में स्नान के बाद गंगा के जल से ही भगवान शिव का जलाभिषेक रोगी करते हैं और यह सिलसिला जैसे-जैसे आगे बढ़ता है स्वतः ही रोगी का असाध्य रोग जड़ से खत्म होने लगता है। ऐसे ही हजारों लोग आपको प्रयागराज में मिलेंगे जो यह दावा करते हैं कि मुकुंद ईश्वर महादेव ने उनके असाध्य रोग को हर लिया है।
कैसे
हुई
स्थापना
इस
मंदिर
की
स्थापना
को
लेकर
ठीक-ठीक
अनुमान
किसी
के
पास
मौजूद
नहीं
है।
लेकिन,
मान्यता
है
कि
सैकड़ों
वर्ष
पूर्व
महाकुंभ
के
दौरान
हिमालय
की
ओर
से
आने
वाले
साधु
संतों
द्वारा
यहां
पर
शिवलिंग
की
स्थापना
की
गई
थी।
लगभग
200
साल
पहले
इस
मंदिर
को
स्थानीय
लोगों
द्वारा
एक
भव्य
मंदिर
के
रूप
में
परिवर्तित
कर
दिया
गया
और
जैसे-जैसे
यहां
पर
असाध्य
रोगों
से
मुक्ति
की
मनोकामना
लेकर
लोग
आते
रहे
और
उनकी
मनोकामना
पूर्ति
रही।
बाबा
मुकुंदेश्वर
की
ख्याति
चारों
ओर
फैलने
लगी।
हालांकि
समय
के
साथ
गंगाजी
की
दिशा
काफी
बदल
चुकी
है
और
अब
यहां
गंगा
जी
के
स्नान
के
लिए
लोगों
को
काफी
दूर
तक
पैदल
चलकर
जाना
पड़ता
है।
लोगों
का
विश्वास
है
कि
जो
भी
गंगा
स्नान
के
बाद
गंगाजल
से
बाबा
मुकुंदेश्वर
का
जलाभिषेक
करता
है
और
मन
से
अपने
असाध्य
रोग
से
मुक्ति
की
प्रार्थना
करता
है,
उसकी
मनोकामना
जरूर
पूरी
होती
है।
बहुत
खूबसूरत
है
मंदिर
बाबा
मुकुंदेश्वर
महादेव
का
मंदिर
बेहद
खूबसूरत
बनाया
गया
है।
इसकी
दीवारों
पर
बेहद
ही
खूबसूरत
नक्काशी
की
गई
है,
जो
देखते
ही
बनती
है।
यह
मंदिर
शास्त्र
सम्मत
बना
हुआ
है
और
इस
कारण
इसकी
ख्याति
को
और
चार
चांद
लग
जाते
हैं।
इस
सिद्धपीठ
स्थल
पर
सैकड़ों
वर्षो
पहले
निर्मित
एक
कुआं
है
जिसका
जल
आज
भी
पूरी
तरह
से
शुद्ध
है
और
पीने
के
पानी
के
रूप
में
इसका
उपयोग
होता
है।
मंदिर
की
छत
के
अनुरूप
चमकदार
काले
पत्थर
से
स्थापित
शिवलिंग
शिव
भक्तों
को
अपनी
ओर
आकर्षित
करता
है।
यहां
पूरे
इलाके
में
हजारों
दुकानें
हैं
और
यह
आश्चर्यजनक
है,
व्यापारियों
की
दुकाने
तभी
खुलती
है
जब
बाबा
मुकुंदेश्वर
का
व्यापारी
दर्शन
कर
लेता
है।
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