यूपी: गोरखपुर का मदरसा बना मिसाल, गूंज रहे संस्कृत के श्लोक
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में एक मदरसा ऐसा है जहां संस्कृत की पढ़ाई होती है। दारुल उलूम हुसैनिया नाम के इस मदरसे की छात्राएं संस्कृत पढ़ाए जाने से बहुत खुश हैं। यही नहीं यहां मदरसे में मुस्लिम शिक्षक ही संस्कृत पढ़ाते हैं।
मदरसा बना मिसाल
गोरखपुर का दारुल उलूम हुसैनिया मदरसा हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बना हुआ है। मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम परिवारों के बच्चे एक छत के नीचे बैठकर संस्कृत के साथ कई भाषाओं की तालीम हासिल कर रहे हैं। मदरसे के प्रिंसिपल के मुताबिक यहां हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, सांइस, कंप्यूटर, अरबी के आलवा संस्कृत की भी तालीम दी जाती है। प्रदेश सरकार द्वारा एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होने के बाद इस मदरसे में हिन्दू-मुस्लिम परिवारों के बच्चे एक छत के नीचे तालीम हासिल कर रहे है।
पढ़ाए जाते है सभी विषय
हुसैनिया मदरसे के प्रधानाचार्य ने बताया की मदरसे में सभी धर्मो के छात्र एक साथ बैठकर पढ़ते हैं। इन छात्रों को हिंदी अंग्रेजी, गणित, संस्कृत के साथ अरबी और फारसी की शिक्षा भी दी जाती है। साथ ही छात्रो को अरबी भाषा की शिक्षा भी दी जा रही है।
अच्छी लगती है संस्कृत
मदरसे में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि उन्हें संस्कृत भाषा अच्छी लगती है। पहले उन्हें संस्कृत के नाम से ही डर लगता था लेकिन उनके यहां शिक्षक इतनी आसान भाषा में पढ़ाते हैं कि अब उन्हें संस्कृत रुचि आने लगी है। उनके अभिभावक भी उनकी पढ़ाई को सपॉर्ट करते हैं।
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