यूपी चुनाव में अब संघ संभालेगा हिंदुत्व का एजेंडा, सम वैचारिक संगठनों ने संभाली कमान
लखनऊ, 21 जनवरी: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में आज कल दल बदल का दौर चल रहा है। यूपी की सियासी पिच पर बीजेपी अपना पूरा जोर तो लगा ही रही है, वहीं दूसरी तरफ चुनाव नजदीक आते ही अब आरएसएस और उसके सम वैचारिक संघटन भी सक्रिय हो गए हैं। यही वजह है की यूपी में हिंदुत्व के एजेंडे की कमान अब संघ ने अपने हाथों में ले ली है। पिछले दिनों लखनऊ में संघ के एक बड़े पदाधिकारी की मौजूदगी में एक विस्तृत कार्ययोजना पर मंथन हो चुका है।
संघ के सूत्रों के अनुसार जो कार्य योजना बनाई गई है उसके तहत अयोध्या से लेकर काशी तक हुए कामों का ब्योरा हर हिंदू परिवार तक पहुंचाया जाएगा। विपक्ष को घेरने के लिए छद्म हिंदुत्व और असली हिन्दुत्व का फर्क भी जनता को बताया जाएगा। इसके लिए एक विस्तृत पत्रक भी तैयार करवाया जा रहा है। इस पत्रक में योगी सरकार और मोदी सरकार की ओर वे सनातनी संस्कृति को लेकर जिन पौराणिक और धार्मिक स्थलों को सजाने और संवारने का काम किया गया है , उसका भी उल्लेख किया जाएगा।
इस अभियान की खास बात यह है कि हिंदुत्व के एजेंडे को केवल हिंदुओं की आस्था तक सीमित न रखकर भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, और जैन धर्म के साथ ही सिख गुरुओं के सरोकारों तक इसका विस्तार किया जाएगा। इसका खाका कुछ इस तरह से खींचा गया है ताकि ज्जातीय गणित चुनावी नतीजों पर ज्यादा प्रभाव न डाल पाए।
राष्ट्रवाद
के
एजेंडे
से
भी
धार
संघ
परिवार
की
तैयारी
हिंदुत्व
के
साथ
ही
राष्ट्रवाद
के
मुद्दे
पर
भी
विपक्ष
को
घेरने
की
है।
इसके
लिए
जम्मू
कश्मीर
के
अनुच्छेद
370
हटाने,
सर्जिकल
स्ट्राइक,
विदेशी
फंडिंग
रोकने
के
लिए
कानून
बनाने
के
साथ
ही
अन्य
बहुत
से
कामों
को
जनता
के
बीच
लेकर
जाया
जाएगा।
लोगों
को
यह
समझाने
की
कोशिश
किं
जाएगी
की
विपक्ष
के
छद्म
राष्ट्रवाद
के
झांसे
में
आने
की
जरूरत
नहीं
है।
संघ
के
इस
निर्देश
के
बाद
सभी
वैचारिक
संगठन
अपनी
तैयारियों
में
जुट
गए
हैं।
अखिल
भारतीय
विद्यार्थी
परिषद,
हिंदू
जागरण
मंच,
सेवा
भारती,
विद्या
भारती,
वनवासी
कल्याण
,
सहकार
भारती,
भारती
किशन
संघ,
स्वदेशी
जागरण
मंच
समेत
तमाम
वैचारिक
संगठनों
के
कार्यकर्ता
सक्रिय
होंगा
हैं।
मनमुटाव
छोड़कर
काम
करने
की
अपील
आरएसएस
के
सह
सर
कार्यवाह
पिछले
दिनो
जब
लखनऊ
आए
थे
जब
विश्व
संवाद
केंद्र
में
सम
वैचारिक
संगठनों
के
प्रतिनिधियों
के
साथ
बैठक
की
थी
और
इसमें
उनको
चुनावी
एजेंडा
थमा
गए
थे
।
संघ
ने
साफ
कर
दिया
है
कि
बिना
किसी
मनमुटाव
के
सभी
संगठनों
के
लोग
अपने
अपने
कामों
में
जुट
जाएं
और
सरकार
की
उपलब्धियों
को
लेकर
सरकार
के
काम
को
लेकर
जनता
के
बीच
जाने
का
काम
करें।
साथ
ही
वो
विपक्ष
की
ओर
से
फैलाए
जा
रहे
भ्रम
को
दूर
करने
के
लिए
जनता
को
समझाने
का
प्रयास
करें।
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