कुंभ आने से पहले ही नाराज हो गए संत, सीएम योगी के आवास पर धरना देने की धमकी
लखनऊ। कुंभ मेला हर 12 साल में आता है और दो बड़े कुंभ मेलों के बीच आने वाले कुंभ को अर्धकुंभ कहा जाता है। यह कुंभ योगी और मोदी सरकार के लिए कितना महत्वपूर्ण हो सकता है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस बार के अर्धकुंभ को योगी सरकार ने कुंभ में परिवर्तित कर दिया। इसमें कोई शक नहीं है कि कुंभ की तैयारी में पूरी योगी सरकार पिछले एक साल से लगी है। दुनिया के इस सबसे बड़े मेले की हर लेबल पर ब्रांडिग की जा रही है। तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपए इस बार के मेले का बजट है। पूरा इलाहाबाद यानी प्रयागराज नाम के साथ ही बदल चुका है। भाजपा सरकार ये बेहतर तरीके से जानती है कि चुनाव से चंद महीने पहले होने वाले इस कुंभ पर दुनिया की नजर रहती है। लिहाजा धर्म के रास्ते विकास का मॉडल दिखाने का ये सबसे बड़ा जरिया हो सकता है।
लेकिन, विडंमना यह है कि जिस कंधों के भरोसे अपने सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है वही मुकामधारी और महामंडलेश्वर सरकार की अनदेखी से खफा हैं। दरअसल, हर साल माघ मेले में खाक चौक पर महामंडलेश्वर और मुकामधारियों की 275 कैंप लगती रही हैं लेकिन इस बार मेला प्रशासन ने इनका स्थान बदल दिया है। इनमें 130 महामंडलेश्वर और 145 मुकामधारी हैं। उनका कहना है कि इस बार मेला प्रशासन ने उनके साथ बड़ी ज्यादती की है। वे कहते हैं,'हम लोगों की जमीन अखाड़ों को दे दी गई है। 170 बीघा हमारी जमीन है जिसमें से 40 बीघा ही हमें दे रहे हैं और कह रहे हैं कि जो महामंडलेश्वर हैं वो यहां बस जाएं और जो मुकामधारी हैं उन्हें पांच किलोमीटर दूर जमीन दे रहे हैं। 13 अखाड़े वसंत पंचमी का स्नान करते हैं और प्रस्थान कर जाते हैं। 13 अखाड़ों के जाने के बाद बहुत गंदगी हो जाती है। फोर्स भी नहीं रहती, चोरी का डर रहता है।
त्यागी भक्त अखाड़े के महामंडलेश्वर माधव दास त्यागी का कहना है कि हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अभी नहीं हुई उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से हमलोग मिले हैं। उन्होंने मेलाधिकारी से बोला 'जब ये बारहमासी हैं तब इनकी परंपरा क्यों तोड़ रहे हो? इस परम्पंरा से इनको दूर क्यों रख रहे हो? इनको बार-बार लखनऊ क्यों आना पड़ रहा है? इनकी समस्या को हल करो...लेकिन मेलाधिकारी ने जितना रट रखा है उतना ही बोल रहा है और हमारी जमीन हमें देने को बिल्कुल तैयार नहीं है।'
सीएम आवास पर धरने की दी धमकी
उन्होंने कहा कि जब योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने की चर्चाएं शुरू हुईं तो हम लोग बहुत खुश ही नहीं हुए थे बल्कि माला भी फेर रहे थे कि हमारे संत एक बार मुख्यमंत्री बन जाएं तो हम लोगों का कठिनाईयां दूर हो जाएंगी। बीजेपी संतों की सरकार रही है, संतों के द्वारा बीजेपी बनी है। आज बीजेपी की सरकार में संतों की उपेक्षा हो रही है। जब तक हम लोगों को न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम लोग यहां से जाएंगे नहीं, लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास 5 कालीदास मार्ग पर धरना देंगे। यदि हमलोग की खाक चौक व्यवस्था समिति के त्रिवेणी रोड से नहीं दी गई तो हमलोग कैंप नहीं लगाएंगे। कुंभ में शामिल नहीं होंगे।
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