साईं बाबा की मूर्ति क्षतिग्रस्त, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के 20 शिष्यों पर मुकदमा दर्ज
वाराणसी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए मंदिर और मूर्तियों को तोड़े जाने का विरोध कर रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद खुद मूर्ति तोड़े जाने के आरोप में फंस गए हैं। मामला जैतपुरा थानाक्षेत्र के औसानगंज स्थित उर्धवेश्वर महादेव मंदिर का है। इस मंदिर में साई बाबा के मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी गई। इसी मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और उनके शिष्यों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जैतपुरा पुलिस ने अभिषेक जायसवाल की तहरीर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सहित उनके 20 शिष्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सीसीटीवी
से
हुआ
खुलासा
जैतपुरा
इंस्पेक्टर
विजय
कुमार
चौरसिया
की
मानें
तो
औसनगंज
इलाके
से
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानंद
मंदिर
बचाओ
आन्दोलन
के
दौरान
पदयात्रा
करते
हुए
गुजरे।
उर्धवेश्वर
महादेव
मंदिर
के
पास
रुककर
वे
दर्शन
के
लिए
गए।
इसी
मंदिर
के
एक
हिस्से
में
साईं
बाबा
की
मूर्ति
स्थापित
है।
मंदिर
में
लगे
सीसीटीवी
फुटेज
में
साफ
दिखाई
दे
रहा
है
कि
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानंद
के
जाने
के
बाद
तीन
लोग
दौड़कर
मंदिर
से
बाहर
भागे।
इसके
बाद
ही
साईं
बाबा
की
मूर्ति
के
बाएं
पैर
का
अंगूठा
टूटा
हुआ
मिला।
जैसे
ही
मामले
की
जानकारी
इलाकाई
लोगों
को
मिली,
लोगों
ने
उग्र
प्रदर्शन
शुरू
कर
दिया।
आरोपों
का
खंडन
वहीं
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानन्द
ने
इन
सभी
आरोपों
को
सिरे
से
खारिज
कर
दिया।
मूर्ति
तोड़े
जाने
का
आरोप
निराधार
है।
अविमुक्तेश्वरानंद
ने
कहा
की
उनके
गुरु
शंकराचार्य
स्वामी
स्वरूपानंद
और
उनके
शिष्य
सभी
सनातन
धर्म
के
मंदिरों
में
साईं
बाबा
के
मंदिर
के
स्थापना
के
विरुद्ध
है
लेकिन
वे
और
उनके
अनुयायी
भक्त
किसी
भी
मंदिर
में
स्थापित
मुर्ति
को
तोड़ने
में
विश्वास
नही
रखते,
ऐसे
में
उनके
और
उनके
शिष्यों
पर
लगे
सभी
आरोप
निराधार
है।
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