कासगंज हिंसा: सहारनपुर की महिला अधिकारी ने कहा, चंदन गुप्ता को 'भगवा' ने खुद मारा
सहारनपुर। कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा में मारे गए युवक चंदन गुप्ता के प्रकरण पर बरेली के डीएम की फेसबुक पोस्ट से उठा बवाल अभी थमा नहीं है कि सहारनपुर की लेडी अफसर ने कासगंज हिंसा को लेकर एक विवादित पोस्ट फेसबुक पर शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा कि चंदन को किसी और ने नहीं, बल्कि खुद भगवा कार्यकर्ताओं ने मारा है। सहारनपुर में उप निदेशक, सांख्यिकी के पद पर तैनात रश्मि वरुण ने फेसबुक पोस्ट में कासगंज हिंसा की तुलना सहारनपुर के मामले से की है। इस पोस्ट के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
रश्मि वरुण ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा
यह थी कासगंज की तिरंगा रैली। यह कोई नई बात नहीं है। अम्बेडकर जयंती पर सहारनपुर के सड़क दूधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी। उसमें से अम्बेडकर गायब थे या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गये थे। कासगंज में भी यह ही हुआ। तिरंगा गायब और भगवा शीर्ष पर। जो लड़का मारा गया, उसे किसी दूसरे तीसरे समुदाय ने नहीं मारा। उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवा ने खुद मारा....। जो नहीं बताया जा रहा वह यह है कि अब्दुल हमीद की मूर्ति पर तिरंगा फहराने की बजाये रैली में चलने की जबरदस्ती की गई। केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया।
बरेली के डीएम की एफबी पोस्ट का किया समर्थन
फेसबुक पोस्ट पर डिप्टी डायरेक्टर ने बरेली डीएम का समर्थन करते हुए लिखा है कि देखिये सही बात के लिए किस तरह अपना स्पष्टीकरण देना पड़ता है...सही इंसान को भी माफी मांगनी पड़ती है। इतना ही नहीं डिप्टी डायरेक्टर ने अपनी पोस्ट में कुछ कमेंटों के फोटो भी डाले। जिसमें मौके पर मौजूद होने का दावा कर रहे एक युवक जसवंत द्वारा हिन्दू संगठनों पर ही आरोप लगाये गये हैं। डिप्टी डायरेक्टर ने लिखा है कि यही सच है, न पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे , न तथाकथित तिरंगा यात्रा रोकी गई। ये सब व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी का खेल था।
वीडियो पोस्ट पर दी ये सफाई
यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी प्रशासनिक अधिकारी में राज्य के हालातों को लेकर फेसबुक पोस्ट लिखी है। कुछ दिन पहले यूपी होमगार्ड के डीजी सूर्य कुमार शुक्ला का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे राम मंदिर बनवाने की शपथ लेते दिख रहे थे। रश्मि वरुण ने एक हिंदी खबर को दी अपनी सफाई में कहा कि, फेसबुक पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी गई है जो किसी के खिलाफ हो। हमारे कहने का सिर्फ इतना आशय है कि गणतंत्र दिवस मनाने का सभी को अधिकार है। व्हाट्सएप पर कोई गलत मैसेज चलता है तो उसे रोकने की पहल नहीं होती, बल्कि वायरल होता चला जाता है। इससे माहौल बिगड़ने के हालात पैदा होते हैं। रही बात डीएम बरेली की तो मेरा मानना है कि उन्होंने अपनी पोस्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा था, जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे।