भीम आर्मी की चेतावनी, महाराणा प्रताप जयंती मनाई तो अंजाम भुगतेगा क्षत्रिय समाज
सहारनपुर। सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा को एक साल पूरा हो गया है। आज ही के दिन गांव शब्बीरपुर में जातीय हिंसा की शुरूआत हुई थी और इसके बाद यह लगातार जारी रही। नौ मई 2017 को सहारनपुर में जातीय हिंसा ऐसी भड़की थी कि पूरा जिला इसकी चपेट में आ गया था। एक साल बाद भीम आर्मी ने एक बार फिर से चेतावनी दी है। भीम आर्मी ने चेतावनी दी कि यदि महाराणा प्रताप जयंती मनायी गई तो इसके अंजाम अच्छे नहीं होंगे।
भीम आर्मी ने दी क्षत्रिय समाज को चेतावनी
आगामी 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती हैं और इसे मनाने के लिए राजपूत समाज अपनी ओर से तैयारियों में जुट गया है तो भीम आर्मी भी पूरी तरह से इस कार्यक्रम के विरोध में तैयार सी नजर आ रही है। भीम आर्मी ने दावा किया कि यदि जातीय हिंसा वाले स्थान रामनगर में महाराणा प्रताप जयंती मनाई गई तो जिलाा प्रशासन को इसके अंजाम भुगतने होंगे।
पिछले साल 9 मई को हुआ था बवाल
भीम आर्मी भारत एकता मिशन के जिला अध्यक्ष कमल वालिया के नेतृत्व में कार्यकर्ता पहले डीएम दफ्तर और फिर एसएसपी कार्यलय पहुंचे। ज्ञापन देकर चेताया कि, गांव रामनगर में राजपूत भवन है, जहां पिछले साल नौ मई को बवाल हो गया था। इसलिए हम चाहते हैं कि इस बार राजपूत समाज को कार्यक्रम के लिए अनुमति न दी जाए। यदि राजपूत समाज ने उक्त स्थल पर कार्यक्रम किया तो कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है, जिसका जिम्मेदार सीधे-सीधे प्रशासन होगा।
अंबेडकर जयंती मनाने की नहीं मिली थी अनुमति
कमल वालिया ने एसएसपी को बताया कि जब देवबंद में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की जयंती की अनुमति देने के बाद निरस्त की गई तो राजपूत समाज को भी अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। इसके अलावा हसनपुर चौक पर कांशीराम की प्रतिमा तो देहरादून चौक पर आंबेडकर की प्रतिमा लगाने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत सिंह नोटियाल, प्रवीण गौतम, विनोद प्रधान, विजय कुमार, विकास, अक्षय, जयकरण, सम्राट, महेश, सचिन आदि शामिल थे।
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