योगी सरकार का नया अंदाज- सोफा, कुर्सी और चादर के बाद अब सचिवालय पर भी चढ़ा भगवा रंग
Recommended Video
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जबसे योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है तबसे हर चीज भगवा रंग में रंगता जा रहा है। सीएम योगी का ऑफिस (सचिवालय) को भगवा रंग से पेंट कर दिया गया है। लोग इसे एनेक्सी बिल्डिंग या फिर लाल बहादुर शास्त्री बिल्डिंग के नाम से भी जानते हैं। सोफों, चादरों, तौलियों और बसों के बाद सरकार ने जिस तरह यह एक बड़ा कदम उठाया है उससे तो ऐसा लग रहा है कि 'भगवा' जल्द ही सरकारी रंग के तौर पर दिखने लगेगा। आपको बता दें कि इससे पहले सचिवालय की कुर्सियां भी भगवा रंग से रंगी गयी थीं। मुख्यमंत्री आवास में भी हर फर्नीचर भगवा रंग का है। यहां तक तौलिया और सोफे के कवर भी भगवा रंग में रंगे हुये हैं।
एनेक्सी के पंचम तल पर बैठते हैं मुख्यमंत्री, यहीं से चलती है सरकार
एनेक्सी की दीवारें पहले सफेद रंग की थी लेकिन अब इन पर भगवा रंग चढ़ने लगा है। दीवार के बॉर्डर की पुताई लाल रंग से की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सचिवालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी राज्य संपत्ति विभाग की है। इसके निदेशक योगेश शुक्ल ने बताया कि सीएम ऑफिस को भगवा रंग से रंगने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय से आया था। इसी भवन से राज्य की सत्ता चलती है। इसी के पंचम तल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दफ्तर है। यही नहीं उनके साथ मुख्य सचिव से लेकर गृह विभाग, नियुक्ति विभाग और तमाम विभागों के दफ्तर इस भवन में हैं। इसीलिए इसे राज्य का सबसे कद्दावर भवन भी कहा जाता है।
यूपी में होती रही है 'रंगों की राजनीति'
उत्तर प्रदेश में पार्टियों की राजनीति ही नहीं रंगों की राजनीति भी होती रही है। सरकारों के बदलने के साथ-साथ राजधानी का रंग भी बदलता नजर आता है। बीएसपी शासन में साइन बोर्ड, सजावट की लाइटों से लेकर फुटपाथ पर लगी ग्रिल नीली हुई तो सपा सरकार के दौरान लाल और हरी।
यूपी में भगवा रंग की बसें, कहा गया संकल्प सेवा
बीते 25 सितंबर को योगी सरकार ने भगवा रंग की बसें सड़कों पर उतारी थी। इन बसों को दीनदयाल उपाध्याय नाम दिया गया था। भगवा रंग की इन 50 बसों को ‘संकल्प सेवा' कहा गया। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने इन बसों को उन ग्रामीण क्षेत्रों के लिये उतारा था जहां परिवहन की सुविधा काफी कमजोर है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन की बसों पर भी सत्ता बदलने के साथ बदलते रंग नजर आए। बीएसपी शासन में नीली रंग की सर्वजन हिताय बस सेवा आई तो अखिलेश राज में लाल और हरे रंग की पट्टी वाली लोहिया ग्रामीण बस सेवा शुरू की गई। अब योगी सरकार में भगवा रंग की बसों की शुरुआत हुई है।
विपक्ष ने उठाया सवाल तो योगी सरकार ने दी सफाई
योगी सरकार के इस कदम पर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सपा, बसपा और कांग्रेस ने इसे भाजपा के हिंदू एजेंडे से जोड़ दिया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सीएम योगी को सरकारी भवनों के साथ सियासत नहीं करनी चाहिए। इस बीच, योगी सरकार ने सफाई दी है कि रंग-पुताई रूटीन वर्क है। विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। रंग किसी धर्म विशेष के नहीं होते हैं। ऐसे में विपक्ष को जनता से जुड़े मुद्दों पर ही गौर करना चाहिए।
Read Also- बीवी से परेशान पति कनपटी पर तमंचा सटाकर योगी से मिलने पहुंचा सीएम आवास, मचा हड़कंप