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मिलिए लखनऊ की इस महिला पार्षद से, जिसने बीजेपी को हराकर अपने नाम किया ये रिकॉर्ड

सादिया एमिटी यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रही हैं। शुरू से ही उनकी राजनीति में रुचि थी। सादिया की उम्र अभी 23 साल है।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। लखनऊ निकाय चुनाव में 23 वर्ष की निर्दलीय प्रत्याशी सादिया रफीक ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। इसके साथ ही लखनऊ निकाय में नया रिकॉर्ड भी बन गया है। इस जीत के साथ ही सादिया लखनऊ की सबसे कम उम्र की पाषर्द बनी हैं। सादिया ने भाजपा की अर्चना द्विवेदी को करीब 535 वोटों के अंतर से हराया। सादिया को कुल 3170 वोट मिले हैं, जबकि अर्चना को 2635 मत प्राप्त हुए। सादिया एमिटी यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रही हैं। शुरू से ही उनकी राजनीति में रुचि थी। सादिया की उम्र अभी 23 साल है।

महिलाओं की समस्याओं को खत्म करेंगी

महिलाओं की समस्याओं को खत्म करेंगी

महिलाओं की समस्याएं दूर करने मकसद से चुनाव में उतरीं सादिया का कहना है कि उनके वार्ड में युवतियां, महिलाएं और छोटे बच्चे बाहर से पानी भरते हैं। सबसे पहले इस समस्या को खत्म करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा कि पूरी कोशिश रहेगी कि महिलाओं को किसी तरह की परेशानियां न हों। इसके अलावा सादिया ने कहा कि यह जीत माता-पिता और जनता को समर्पित है, क्योंकि जनता के सहयोग से ही सफलता मिली है।

उम्र में छोटी थी इसलिए जीत गई

उम्र में छोटी थी इसलिए जीत गई

सादिया कहती हैं कि मेरे एरिया में महिला सीट होने की वजह से अब्बू ने मम्मी को बोला था खड़ी होने को। लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद ही घर में सबने मुझे इलेक्शन में खड़ा कर दिया और मैं जीत भी गई। कन्वेसिंग के टाइम मैं जिस गली से गुजरती थी, वहां भीड़ लग जाती थी। उसकी वज‍ह थी कि मैं सबसे छोटी कैंडिडेट थी। इसीलिए शायद मैं जीत भी गई।

पत्रकार बनना चाहती हैं सादिया

पत्रकार बनना चाहती हैं सादिया

सा‍दिया ने बताया कि घर का पॉलिटिकल बैकग्राउंड आगे बढ़ाने के लिए मैं चुनाव में खड़ी हुई। पहले मैं ग्रैजुएशन कंप्लीट करने पर ध्यान दूंगी।' वो लखनऊ की एमिटी यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रही हैं। वो भविष्य में मैं पत्रकार बनना चाहती हैं।

पिता भी रह चुके हैं पार्षद

पिता भी रह चुके हैं पार्षद

दरअसल, वार्ड 34 तिलकनगर से कांग्रेस से रफीक अहमद 1989 में पार्षद बने थे। इसके बाद यह महिला सीट हो गई तो कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2012 में फिर बेटा आदिल अहमद चुनाव लड़ा और निर्दलीय जीता। इस बाद फिर परिसीमन में महिला वार्ड हुआ तो सभी ने तय किया कि शादिया चुनाव लड़े।

निकाय चुनाव में बीजेपी का जलवा

निकाय चुनाव में बीजेपी का जलवा

सादिया रफीक ने कहा कि वार्ड में सीवर भी क्षेत्र की बड़ी समस्या है, वह इसके समाधान का प्रयास करेंगी। बता दें कि यूपी निकाय चुनाव में मेयर पद के लिए 16 सीटों में से भाजपा ने 14 सीटों पर कब्जा किया, वहीं बसपा दो सीटें जीतने में कामयाब रही है।

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English summary
sadia rafiqe becomes youngest municipal councilor of lucknow municipal corporation
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