कसाब का DL बनाने वाला ARTO ऑफिस फिर चर्चाओं में, मरे हुए व्यक्तियों का बना दिया DL
मथुरा। आतंकी अजमल कसाब का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाला एआरटीओ विभाग एक बार फिस से चर्चाओं में है। इसबार एआरटीओ ऑफिस में दो मरे हुए व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस बना दिए गए। जब इस बात का खुलासा हुआ तो अधिकारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में अधिकारियों ने मामले की जांच बैठा दी और आरटीओ आगरा इसकी जांच करने के लिए मथुरा पहुंचे गए। दस्तावेजों की छानबीन की गई। अब इस मामले में कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
मथुरा एआरटीओ ऑफिस ने एक ऐसे युवक का लाइसेंस बना दिया, जो 26 नवंबर 2017 को सड़क दुर्घटना में मर चुका है। इस युवक का नाम वीरेंद्र है और मसानी नौगांव छाता का रहने वाला था। 19 अप्रैल 2018 को वीरेंद्र का लाइसेंस एआरटीओ कार्यालय से जारी किया गया है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह लाइसेंस किसने बनवाया। वहीं, दूसरा लाइसेंस जारी किया गया चेतराम जादौन के नाम। चेतराम की भी मौत 7 मई 2017 को हो चुकी है।
कैसे
हो
गया
बायोमेट्रिक
वैरीफिकेशन
लाइसेंस
बनवाने
को
एआरटीओ
कार्यालय
में
बायोमेट्रिक
वैरीफिकेशन
होता
है।
सवाल
यह
है
कि
जब
आठ
माह
पूर्व
ही
चेतराम
जादौन
की
मौत
हो
चुकी
थी
तो
एआरटीओ
कार्यालय
ने
बायोमेट्रिक
वैरीफिकेशन
कैसे
कर
लिया।
साफ
है
कि
एआरटीओ
कार्यालय
में
अब
भी
बगैर
वहां
जाए
दलालों
के
माध्यम
से
लाइसेंस
बन
रहे
हैं।
क्या
कहते
है
अधिकारी
आरटीओ
प्रशासन
बबीता
वर्मा
ने
बताया
कि
मृत
व्यक्तियों
के
लाईसेंस
बनने
का
मामला
सामने
आया
है।
कहा
कि
बायोमेट्रिक
वैरीफिकेशन
होती
है।
अब
ऐसा
संभव
नहीं
है।
उन्होंने
कहा
कि
मामले
की
जांच
की
जायेगी
और
जो
भी
दोषी
होगा
उसके
खिलाफ
कार्रवाई
की
जायेगी।