लोकसभा फतह करने के लिए यूपी बीजेपी ने बनाया ये प्लान, रक्षाबंधन पर होगा 'ट्रायल'
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुए उप चुनावों में मिली हार के बाद से भाजपा के अंदर खलबली मची हुई है। इस हार के बाद से ही बीजेपी अपनी कमियों को खोजने में जुटी हुई है। इसके साथ ही दलित और पिछड़ों को अपने पाले में खींचने के लिए रणनीतियां बना रही है। चाहे वो दलितों के घर खाना खाना हो या फिर आरक्षण मुद्दों को लेकर बैकफुट पर आना। भाजपा को मिली हार की भरपाई करने के लिए अब आरएसएस ने कमर कस ली है। वैसे तो संघ हमेशा बीजेपी के कंधे से कंधा मिलकर चलता है। लेकिन जिस तरह से यूपी में मायावती और अखिलेश के गठबंधन ने करारी शिकस्त दी थी उसको लेकर अब संघ और भी सक्रिय भूमिका निभाने की कोशिश में जुटा है। दलित-पिछड़ों को साधने के लिए संघ ने इस रक्षाबंधन के त्योहार पर नई रणनीति तैयार की है। संघ रक्षा सूत्र के सहारे दलितों-पिछड़ो के साथ अपने रिश्ते को और भी मजबूत करने की जुगत में है।
रक्षाबंधन के मौके पर संघ कार्यकर्ता दलित और मलिन बस्तियों में उनके बीच रक्षाबंधन का त्योहार मनाएंगे। संघ के कार्यकर्ता दलितों और पिछड़ों की बस्तियों में जाकर वहां लोगों को राखी बांधेंगे। गौरतलब है कि आरएसएस वर्ष भर में 6 त्योहारों को मनाता है। इनमें रक्षाबंधन समेत गुरू पूर्णिमा, नव वर्ष प्रतिपदा, हिन्दू साम्राज्य दिवस, विजय दशमी व मकरसक्रान्ति शामिल हैं। संघ ने प्रत्येक जिलों में रक्षाबंधन के पर्व पर बड़े कार्यक्रम करने की योजना बनाई है। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।
संघ रक्षाबंधन के मौके पर राजधानी लखनऊ में चार बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रहा है। लखनऊ पश्चिम क्षेत्र में रक्षाबंधन कार्यक्रम शाम को शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के सभागार में किया जाएगा। उत्तर भाग का सीएमएस ऑडीटोरियम एलडीए कालोनी कानपुर रोड पर होगा। साथ ही यूपी टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, आईटी कालेज में भी एक कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी रहेंगें। इसके साथ ही लखनऊ दक्षिण में रक्षाबंधन का कार्यक्रम शनिवार(25 अगस्त) को मनाया जाएगा। इसके साथ ही जभी जिलों के पदाधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वो अपने कार्यक्षेत्र में इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए रक्षाबंधन का त्योहार दलितों के साथ मनाएं और उन्हें रक्षा सूत्र बांधे।